Guillain Barre Syndrome : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक युवक को बीते चार महीने पहले पैरों में कमजोरी होने की शिकायत के बाद हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती करने के बाद उसके हाथ भी सुन्न पड़ गए थे। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि यह लक्षण दुर्लभ गुलियन बैरे सिंड्रोम के हैं। युवक की स्थिति ऐसी थी कि कुछ ही घंटे में उसका पूरा शरीर ही सुन्न पड़ गया।
वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया
युवक की हालत देख उसे तुरंत वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया। युवक करीब चार महीने तक वेंटीलेटर पर रहने के बाद उसे वेंटीलेटर से हटाया गया। युवके के भाई का कहना है कि डॉक्टरों की लगातार मेहनत के बाद युवक के ठीक होने की उम्मीद बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों से ही भाई को नई जिंदगी मिली। हमीदिया अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि प्रदेश में यह पहला मौका है, जब कोई मरीज इतने दिन तक वेंटीलेटर पर रहा। अभिषेक को 17 अप्रैल को अचानक हमीदिया में भर्ती कराया गया था। लगातार चार महीने 11 दिन तक वेंटीलेटर पर रहने के बाद बुधवार को उसे वेंटीलेटर से मुक्त किया गया।
ठीक होने में लगेगा लंबा समय
डॉ. मनीराम के अनुसार मरीज अभिषेक के शरीर में अभी भी कमजोरी है। एक भुजा की ताकत वापस आ गई है। श्वसन तंत्र भी काम करने लगा है। वे अपनी गर्दन भी संभाल सकते हैं। हालांकि पूरी तरह ठीक होने में उन्हें लंबा समय लगेगा।
इलाज महंगा, एक इंजेक्शन 20 हजार का
जीबीएस एक ऑटो इम्युन सिस्टम नष्ट होने लगता है। इससे शरीर के कुछ हिस्सों या पूरे शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इसका इलाज महंगा है। डॉक्टरों के मुताबिक मरीजों को आमतौर पर इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन का कोर्स करना होता है। निजी अस्पताल में इसके एक इंजेक्शन की कीमत 20 हजार रुपए है। इसके 20 से लेकर 50 इंजेक्शन तक लग सकते हैं।
यह हैं लक्षण
इस बीमारी में कमजोरी महसूस होती है, जो पैरों से शुरू होकर छाती और सिर तक जा सकती है। हाथों, पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों में झनझनाहट या सुन्न होने का एहसास हो सकता है। गंभीर मामलों में, सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। मरीजों को मांसपेशियों की पूर्ण या आंशिक रूप से लकवा मारने की समस्या हो सकती है। आंतों और मूत्र प्रणाली की समस्या भी इस बीमारी के शिकार लोगों में देखी जाती रही है।