Film Certificate: भारत सहित दुनियाभर में हर वर्ग के लिए अलग अलग तरह की फिल्में बनाई जाती है। यह मूवी सेंसरबोर्ड से पास होने के बाद दर्शकों को दिखाई जाती है। इस दौरान बोर्ड फिल्म को A, U, UA, S सर्टिफिकेट देती है। जिसके आधार पर ही दर्शक फिल्म को थ्रेटर में देख पाते है। यह सर्टिफिकेट अक्सर फिल्म के शुरू होने के दौरान कुछ सेकंड के लिए दिखाई जाती है। जिसमें कलाकारों के नाम, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, मूवी का नाम आदि की जानकारी दी जाती है। अगर फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं मिला है तो सिनेमाघरों में मूवी को रिलीज नहीं कर सकता। तो चलिए जानते है सेंसरबोर्ड क्यों और किस आधार पर फिल्मों को देते है सर्टिफिकेट ,,,
सेंसर बोर्ड इन 5 कैटेगरी में देते हैं फिल्मों को सर्टिफिकेट
1.A (केवल वयस्क): यह सर्टिफिकेट उन फिल्मों को दिया जाता है जिसे केवल 18 वर्ष और उससे ऊपर के वयस्क देख सकते हैं. ऐसी फिल्मों में हिंसा, आपत्तिजनक भाषा, दृश्य या संवेदनशील राजनीति या सामाजिक मुद्दे शामिल हो सकते हैं.
2. U (यूनिवर्सल): यह सर्टिफिकेट दर्शाता है कि फिल्म सभी आयु वर्ग के लिए उपयुक्त है. इसमें कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं है.
3. UA (अभिभावक मार्गदर्शन): इस सर्टिफिकेट के मिलने का मतलब है कि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को माता-पिता के साथ या उनके मार्गदर्शन के आधार पर वह फिल्म देख सकते हैं.
4. UA13/UA13+: इस सर्टिफिकेट का मतलब है कि 13 वर्ष से अधिक के किशोरी के लिए फिल्म उपयुक्त है. 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को माता-पिता की निगरानी में फिल्म देखनी चाहिए.
5. S (प्रतिबंधित): इस कैटेगरी के अंतर्गत आने वाली फिल्में स्पेशल ऑडियंस जैसे कि डॉक्टर या विशिष्ट क्षेत्रों के प्रोफेशनल तक ही सीमित हैं. ये फिल्में अक्सर विशेष विषयों से संबंधित होती हैं, जो आम जनता के लिए प्रासंगिक या उपयुक्त नहीं हो सकती हैं