मोनिका दुबे// रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति को लेकर कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि, कोविड से घबराने की आवश्यकता नहीं है, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर इलाज जारी है, गंभीर मरीज की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। प्रदेश में जो एक्टिव केस मिले मरीज की स्थिति गंभीर नहीं है, और प्रभाव ज्यादा नहीं है।
राष्ट्रीय कार्यक्रम पर दिया जाएगा जोर:
वहीं विभागीय बैठक को लेकर कहा कि, प्रदेश में राष्ट्रीय कार्यक्रम पर जोर दिया जाएगा। सिकल सेल, टीवी मुक्त, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ पर दिया जोर जाएगा। एचआईवी पीड़ित लोगों के लिए जागरूक अभियान और इलाज के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी। इस बैठक में तीन प्रमुख बातों पर जोर था। राष्ट्रीय प्रोग्राम को शत लोगों तक पहुंचाने के लिए बातचीत हुई है, इसके साथ ही मातृ मृत्यु दर शिशु मृत्यु दर कम से कम करने पर भी बातचीत हुई है, और सिम्स मेकाहारा डीकेएस को सभी उपकरण से लैस किया जाएगा।
टेंडरधारियों के लिए टर्म्स कंडीशंस लागू :
कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का बयान इसके अलावा मेकाहारा अस्पताल में पर्ची काटने के नाम पर लगातार हो रहे विवाद पर कहा कि, पार्किंग का ठेका ऑनलाइन होता है, नियम के तहत इसका टेंडर किया जाता है। आम जनता के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसका ध्यान रखा जाएगा। विवाद की स्थिति की बात मीडिया के माध्यम से जानकारी आई है, तो इस पर संज्ञान दिया जाएगा। वहीं अस्पताल की घटना के बाद लगातार जांच की जा रही है। विवाद की स्थिति ना हो इसके लिए आने वाले टेंडरधारियों के लिए टर्म्स कंडीशंस लागू किए जाएंगे।
इन क्षेत्रों में पहुंचती एंबुलेंस :
ग्रामीण अंचलों में नहीं पहुंच पाते स्वास्थ्य सुविधाएं और एंबुलेंस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के 99% क्षेत्रों में एंबुलेंस पहुंचती है, बारिश में भी ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां एंबुलेंस ना पहुंचता हो जरूर ऐसे जरूर है। जहां समस्या बनी हुई है। देश में ग्रामीण विकास का 50% काम छत्तीसगढ़ में हो रहा है। हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा पर्याप्त रूप से दवाई स्टॉक और हेल्थ वर्कर रखे गए हैं।
गंभीरता से करेगी परीक्षण:
ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर मंत्री जायसवाल ने कहा कि, युक्तियुक्तकरण के कारण शिक्षा विभाग को नहीं रखा गया है, और वृहत अध्ययन कर ट्रांसफर पॉलिसी बनाया गया है। जो पात्र होंगे उनका ट्रांसफर किया जाएगा। विभाग के कर्मचारी अधिकारी के जो भी आवेदन आएंगे सरकार गंभीरता से परीक्षण करेगी। प्रदेश में जो आवश्यक होगा उनका ट्रांसफर किया जाएगा।