रायपुर। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने झारखंड के गुमला में आयोजित अंतर्राज्यीय जन-सांस्कृतिक समागम ‘कार्तिक जतरा’ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की जनजातीय महिलाओं के आत्मनिर्भर प्रयासों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने जशपुर की स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे पारंपरिक आभूषणों और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों को महिला सशक्तिकरण का सशक्त उदाहरण बताया।
‘जशक्राफ्ट’ बना आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक संरक्षण का प्रतीक
राष्ट्रपति मुर्मु ने विशेष रूप से जशपुर वनमंडल अंतर्गत वन प्रबंधन समिति शब्दमुंडा, ग्राम कोटानपानी की स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये उत्पाद जनजातीय सृजनशीलता, आत्मनिर्भरता और पारंपरिक कला के संरक्षण का प्रेरक प्रतीक हैं, जो आजीविका के नए अवसरों के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति को वैश्विक पहचान दिला रहे हैं।
राष्ट्रपति की सराहना पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रपति द्वारा की गई सराहना को पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि जशपुर की जनजातीय मातृशक्ति, विशेषकर जशक्राफ्ट से जुड़ी बहनों के कौशल और परिश्रम ने यह सिद्ध कर दिया है कि परंपरा और आधुनिकता साथ-साथ आगे बढ़ सकती हैं। सीएम साय ने कहा कि राष्ट्रपति का यह स्नेहपूर्ण प्रोत्साहन ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को और मजबूती देगा। उन्होंने जशपुर की सभी जनजातीय बहनों की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
युवा अपनी जनजातीय विरासत को संजोते हुए आगे बढ़ें: राष्ट्रपति
अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी जनजातीय पहचान और परंपराओं को सुरक्षित रखते हुए आधुनिक विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि जनजातीय विरासत केवल अतीत नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने वाली शक्ति है।
PM मोदी के नेतृत्व में सशक्त हुआ आदिवासी आत्मगौरव: CM साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में आदिवासी समाज के आत्मगौरव को नई पहचान मिली है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाना इसी सोच का परिणाम है, जो जंगल, जल और जमीन की रक्षा के आदर्शों को आगे बढ़ाता है।
बस्तर में विकास को मिली रफ्तार
सीएम साय ने कहा कि एक समय बस्तर क्षेत्र नक्सलवाद के कारण विकास से वंचित था, लेकिन अब स्थिति तेजी से बदल रही है। सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं गांव-गांव तक पहुंच रही हैं। उन्होंने दावा किया कि 400 से अधिक गांव नक्सल प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं और क्षेत्र में शांति व विकास की नई सुबह दिखाई दे रही है।
छत्तीसगढ़ अलग पहचान के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों का गठन संभव हुआ। आज छत्तीसगढ़ अपनी अलग पहचान के साथ तेज़ी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और आने वाला समय शांति, समृद्धि और सांस्कृतिक एकता का संदेश देगा।