भोपाल। अगर सड़क दुर्घटना में कोई व्यक्ति घायल हो गया और अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन लगा रहे हैं तो आपको 40 से 50 मिनट इंतजार करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, कॉल सेंटर पर फोन उठने के बाद भी एंबुलेंस मिलेगी, इस बात की कोई गारंटी नहीं है।
दरअसल, 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली जय अंबे कंपनी को जिम्मेदारी देने के साथ ही कई सुविधाएं बढ़ाने की शर्त भी थी, लेकिन अभी इनका फायदा मरीजों को नहीं मिल रहा है। अब 108 एंबुलेंस बुलाने फोन लगाने पर चार से पांच मिनट बाद ही फोन उठ पा रहा है। इसके बाद भी एंबुलेंस मिलेगी, इस बात की कोई गारंटी नहीं है। ऐसा ही हुआ मंगलवार को श्यामला हिल्स में, एक 22 वर्षीय युवक ने जहर खा लिया था। परिजन फोन लगाते रहे, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। युवक की हालत देख पुलिसकर्मी उसे डायल 100 से अस्पताल लेकर पहुंचे। अगर एंबुलेंस का इंतजार करते तो युवक की जान जा सकती थी।
प्ले स्टोर में सिटीजन एप ही नहीं मिल रहा
108 एंबुलेंस की जिम्मा संभालने के दौरान कंपनी ने एंबुलेंस बुलाने के लिए सिटीजन एप का भी लोकार्पण किया था। लेकिन यह एप प्ले स्टोर में उपलब्ध ही नहीं है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों का कहना है कि सत्यापन की कुछ दिक्कत आ रही है, इस कारण प्ले स्टोर में अभी नहीं है। इसमें समय लगेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की वेबसाइट से यह एप डाउनलोड किया जा सकता है।
108 एंबुलेंस को नहीं मिल रही लोकेशन
मोबाइल कंपनियां जय अंबे कंपनी को कॉलर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस) नहीं दे रही हैं। इस वजह से एंबुलेंस को मरीज की सटीक लोकेशन नहीं मिल रही। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक अब तक दो मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों ने एपीआई दिया था, लेकिन अब वो भी उसे वापस मांग रही हैं। अगर एंबुलेंस सर्विस को एपीआई जारी नहीं होता है तो सटीक एंबुलेंस सर्विस सुविधा पर रोक लग सकती है।
पता बताने में लगता है लंबा समय
वर्तमान में इमरजेंसी सर्विसेस एंबुलेंस या पुलिस को कॉल करने पर कॉलर को घटनास्थल का पता बताना होता है। कई बार वह जो पता बताता है वह एंबुलेंस ड्राइवर को समझ नहीं आता। ऐसे में एंबुलेंस को घायल तक पहुंचने में लंबा समय लग जाता है। एपीआई होने पर गूगल मैप से छोटा व सटीक रास्ता एंबुलेंस का मिल जाता है।
104 पर करें शिकायत
एंबुलेंस सेवा में यदि कोई भी गड़बड़ी मिलती है तो मरीज और उनके परिजन हेल्पलाइन नंबर 104 पर शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए कॉल सेंटर बनाया है। एंबुलेंस देरी से पहुंचना, दवाइयां नहीं मिलना, 108 के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन और पायलट का मरीजों के साथ ठीक व्यवहार न करना है, इसकी शिकायत की जा सकती है। शिकायत पर 108 एंबुलेंस कंपनी कार्रवाई करने साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा।
डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ
ऐसे काम करता है एपीआई
जय अंबे कंपनी के मुताबिक पुलिस और एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवाओं में कॉलर की लोकेशन ट्रेस करने मोबाइल कंपनियां लोकेशन बेस्ड सिस्टम के तहत एपीआई उपलब्ध कराती हैं। एपीआई से कॉलर के मोबाइल नंबर के आधार पर उसकी सटीक लोकेशन तक एंबुलेंस पहुंच जाती है, जिससे उसे घटनास्थल पर पहुंचने में आसानी होती है।