भोपाल। संभाग के बस संचालकों ने नादरा बस स्टैंड पर बैठक की। इसमें तय हुआ कि यदि 20 जनवरी की शाम तक रूट पर चलने वाली बसों के अस्थाई परमिट जारी नहीं किए जाते तो पूरे प्रदेश में हड़ताल की जाएगी। बैठक में भोपाल, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, राजगढ़ के बस संचालक उपस्थित थे। इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा सतना के बस संचालकों ने फ़ोन पर सहमति दी है। बैठक में गोपाल पैगवार, दीपेश विजयवर्गीय, धर्मेंद्र उपाध्याय, कृष्णा प्रजापति, गगन शिवहरे, रमेश कटियार, विशाल द्विवेदी, शिव नागर, इमरान ख़ान सुरेश मेहता, मंगल सिंह, अख़्तर ख़ान, आदि शामिल थे।
गौरतलब है कि प्रदेश में लगभग 10 हजार बसों को जनवरी 2025 में अस्थाई परमिट नहीं दिए गए हैं। यह विषय पूरी तरह परिवहन विभाग और राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर नहीं लेने और एआरटीओ को आरटीओ पदोन्नत कर आरटीए (रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी)की जिम्मेदारी नहीं देने के कारण हुआ है। बीते 2 दिसंबर को हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसीएस ने जो आदेश दिया उसमें आरटीओ को हाइकोर्ट के आदेशों को ध्यान में रखते हुए अस्थाई परमिट जारी किए जाएं। लेकिन इस आदेश के अर्थ का अनर्थ निकालते हुए मनमाने तरीके से जिसको चाहा परमिट दिया और जिसे चाहा नहीं दिया है।
इन्हें जारी किए अस्थाई परमिट
उज्जैन, हरदा और बैतूल आरटीओ ने जनवरी 2025 के अस्थाई परमिट जारी किए हैं। भोपाल और इंदौर आरटीओ ने भी ऑपरेटरों को स्टेज कैरीज के अस्थाई परमिट जारी किए हैं, जबकि जिन्हें परमिट दिए गए ओर जिन्हें नहीं दिए गए दोनों की कानूनी परिस्थिति एक ही जैसी है। यह बताता है कि आरटीओ दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं। उदाहरण के रूप में सिटी बस के 40 अस्थाई परमिट भोपाल आरटीओ द्वारा जारी किए गए हैं। इस तरह की प्रक्रिया अन्य आरटीओ द्वारा भी गई है। यह कृत्य दूषित प्रक्रिया का परिचायक है।