चंदेरी मर्डर मिस्ट्री : मध्यप्रदेश की चंदेरी विधानसभा में भाजपा महिला नेत्री ममता यादव हत्याकांड़ का मामला अबतक पुलिस सुलझा नहीं पाई है। 9 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस यह पता नहीं पाई है कि आखिर गुमशुदगी के बाद ममता यादव की हत्या किसने की? लग्जरी लाइफ़स्टाइल के लिए जानी जाने वाली ममता यादव के लापता होने के ठीक 18 दिन बाद चंदेरी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। ममता की गुमशुदा की रिपोर्ट उसके भाई ने कराई थी। पुलिस ने महिला के फोन को ट्रेस किया तो उसकी लास्ट लोकेशन मिर्जापुर उत्तरप्रदेश पाई गई। इसके बाद ममता का शव 21 सितंबर 2023 को यूपी पुलिस ने बरामद किया था।
लेकिन ममता यादव की हत्या किसने की, इसको लेकर प्रदेश की पुलिस और जिम्मेदार लोग कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा कि ममता की गुमशुदगी और हत्याकांड में मंत्री, विधायक ,पूर्व जिला अध्यक्ष एवं कई अन्य सत्ताधारी दल के लोगों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। ममता हत्याकांड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीते शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जांच कराने की मांग की है। दिग्विजय सिंह ने ममता के परिजनों के हवाले से कहा है कि ममता की हत्या की सुपानी उनकी ही पार्टी के सिनियर नेताओं ने दी थी।
दिग्विजय सिंह ने भोपाल में अपने निवास पर मृतिका ममता यादव के भाई राजभान यादव और उसकी मां गीता बाई से मुलाकात की। इस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया की ममता यादव चंदेरी भाजपा मंडल अध्यक्ष थीं। 11 सितंबर को ममता घर से यह बोलकर निकली थी की उसे प्रयागराज में एक रेंजर से 7 लाख रूपए लेना है। प्रयागराज जाने के बाद वे उनके संपर्क में रही। उनकी ममता से आखिरी बार 21 सिंतबर को हुई थी, लेकिन इसके बाद उनका ममता से संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद 23 सितंबर को चंदेरी पुलिस थाने में ममता के गायब होने की रिपोर्ट डाली, लेकिन पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
रिपोर्ट दर्ज नही होने के बाद ममता के परिजन चंदेरी विधायक बृजेंद्र यादव के पास पहुंवे। इतना ही नहीं मामले की से सिंधिया को भी अवगत कराया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 29 सितंबर को ममता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज जो सकी। इसके बाद पुलिस ने ममता के फोन को ट्रेस किया, उसकी लास्ट लोकेशन मिलने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि फोन ट्रेस में पाया गया की ममता की किसी व्यक्ति से फोन पर 86 बार बात हुई, लेकिन इसके बाद भी उसकी जांच नहीं की गई। एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार उस नम्बर का इस्तेमाल मुंगावली से भाजपा के विधायक बृजेंद्र सिंह यादव करते हैं। सरकारी रिकॉर्ड में भी उन्होंने यह नंबर दिया हुआ है।
वही मृतिका के भाई राजभान सिंह यादव का कहना है कि प्रयागराज पुलिस की जांच में पता चला है कि संजय द्विवेदी नाम के व्यक्ति ने ममता यादव की हत्या की है। इतना ही नहीं उसने स्वीकारा किया है कि अशोकनगर से भाजपा के एक सीनियर नेता ने उसे 20 लाख रुपए सुपारी दी थी। ममता के भाई का कहना है कि 9 महीने बाद भी उन्हें डेड बॉडी नहीं मिल पाई है ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें।
मामले में दिग्विजय सिंह का कहना है कि यह एक बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र है। मैने डीजीपी को पत्र लिखा है। मामले की जांच NIA अथवा STF को करना चाहिए। मैं सीएम मोहन यादव से मांग करता हूं कि मामले को गंभीरता से लें और दोषियों पर कार्रवाई करें। मामले को दवाने के लिए बड़े राजनीतक लोग जुटे है।