भोपाल। रेल मंडल की ओर से जोर-शोर से मार्च 2022 में भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-6 के पास यात्रियों के लिए रेल कोच रेस्टोरेंट शुरू किया गया था, लेकिन यह सालभार में ही बंद हो गया। तो वहीं लावारिस हालत में रखे होने से अब लोगों ने इसको शौचालय बना दिया है। साथ ही आसामाजिक तत्व कोच को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसको लेकर रेलवे अधिकारी का ध्यान ही नहीं है, जबकि आए दिन यहां पर रेलवे के आला-अधिकारी दौरा कर रहे हैं।
होना था सदुपयोग
रेलवे सूत्रों का कहना है कि रेलवे इस तरह का कोई भी निर्माण कार्य करवाता है तो उसके लिए सर्वे करवाता है। जो रेल कोच रेस्टोरेंट शुरू किया गया था, वहां बागीचा था, पार्किंग थी और स्वच्छ वातावरण था। यह देखना चाहिए था कि वहां रेस्टोरेंट का संचालन उचित रहेगा या नहीं, ताकि सुविधा का लाभ लोगों को मिले। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी रेल कोच रेस्टोरेंट खोला गया था। अब कम से कम कोच को वापस कोच फैक्टरी या सुरक्षित जगह पर रखवाया जाना चाहिए।
पहले ऐसा हुआ करता था कोच
रेल कोच रेस्टोरेंट लोगों के आकर्षण का केंद्र था। अब वही परिसर गंदगी से घिरा है। यहां बदबू के कारण खड़े होना भी मुश्किल है। यह अब केवल शो-पीस है। इस मामले को लेकर रेलवे के आला-अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
55 लाख रुपए से ज्यादा की आय की थी उम्मीद
रेलवे ने मार्च 2022 में कोच रेस्टोरेंट योजना शुरू की था। अब वह कोच बदहाली से घिर गया है। इसका संचालन पीपीपी मोड पर शुरू किया गया था। रेलवे को अनुमान था कि इससे सालाना 55 लाख रुपए से ज्यादा की आय होगी। जब यह शुरू हुआ था, तब लोग यहां अपने चार पहिया वाहन से सीधे रेस्टोरेंट तक पहुंच सकें, इसकी सुविधा शुरू की गई।
इसकी खासियत थी कि कोच में विभिन्न प्रदेशों के लजीज व्यंजन जैसे मुंबई की पाव भाजी, कोल्हापुर का मीसल पाव, दक्षिण भारत का इडली-डोसा, बिहार का लिट्टी चोखा, पंजाब का छोला-कुलचा, राजमा-चावल, आलू-बड़ा, समोसा, बुंदेलखंड की आलू-टिक्की, मटर-चाट के साथ ही कई स्वादिष्ट व्यंजन यहां उपलब्ध थे। लेकिन छह माह बाद यह अनूठा रेस्टोरेंट बंद हो गया।
इसके बाद एक बार फिर यह शुरू किया गया। लेकिन एक माह बाद यानी साल 2023 के पहले ही यह बंद हो गया। तब से कोच को बदहाली के लिए छोड़ दिया गया। लोगों का कहना है कि अब यह रेस्टोरेंट रात के समय आसामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है। इतना ही नहीं, कोच का उपयोग शौचालय के रूप में भी होने लगा है।