रायपुर/बीजापुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी मिली है। नारायणपुर और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित अबूझमाड़ के जंगलों में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 30 नक्सली ढेर कर दिए गए। इस एनकाउंटर में देश के मोस्ट वांटेड नक्सली और माओवादी संगठन के जनरल सेक्रेटरी नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी मारा गया। उसके ऊपर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम था। नारायणपुर और बीजापुर की DRG, STF और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने यह ऑपरेशन अंजाम दिया।
बसवराजू कौन था?
बसवा राजू, जिसे नंबाला केशव राव के अलावा गगन्ना, विजय, नरसिम्हा रेड्डी, प्रकाश और कृष्णा जैसे कई नामों से जाना जाता था, 2018 में गणपति की जगह सीपीआई (माओवादी) का महासचिव बना था। करीब 70 साल के बसवा राजू का मूल निवास आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियन्नापेटा गांव में था। वह पिछले लगभग 35 वर्षों से माओवादी संगठन की केंद्रीय समिति का सक्रिय सदस्य रहा। देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बने इस खूंखार नक्सली पर सरकार ने 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
राजू ने की थी इंजीनियरिंग की पढ़ाई:
राजू ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) वारंगल से बीटेक की पढ़ाई की थी। वर्ष 1970 में उसने अपना घर छोड़ दिया और नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हो गया। मगर माओवादी विचारधारा से जुड़ने से पहले राजू एक होनहार खिलाड़ी था—स्कूल और जूनियर कॉलेज के दिनों में वह कबड्डी खेला करता था।नक्सली कैडर में राजू को सबसे शिक्षित और रणनीतिक सोच वाला नेता माना जाता था। वह देश के कम से कम पाँच राज्यों में नक्सली नेटवर्क और गतिविधियों का संचालन कर रहा था।
दहला देने वाले हमलों का मास्टरमाइंड
6 अप्रैल 2010 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के चिंतलनार क्षेत्र में नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर घात लगाकर भीषण हमला किया था। इस हमले में 76 CRPF जवानों सहित छत्तीसगढ़ पुलिस का एक अधिकारी शहीद हुआ था। इसके बाद, 25 मई 2013 को झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले को निशाना बनाकर नक्सलियों ने हमला किया, जिसमें पार्टी के कई शीर्ष नेताओं की मौत हो गई थी। इन दोनों जघन्य हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने में बसव राजू की अहम भूमिका मानी जाती है।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
इस ऐतिहासिक सफलता पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुरक्षाबलों को बधाई दी और कहा,"नक्सल मोर्चे पर लगातार सफलता मिल रही है। 27 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक कदम है।"
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी पुलिस बल की बहादुरी की सराहना की और कहा, "मैं छत्तीसगढ़ पुलिस को इस ऐतिहासिक ऑपरेशन के लिए बधाई देता हूं। बसवराजू जैसे खूंखार नक्सली का खात्मा, देश के लिए एक बड़ी राहत है।"
अबूझमाड़ में नक्सलवाद को गहरी चोट : डिप्टी सीएम शर्मा
वहीं इस मुठभेड़ को लेकर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि अबूझमाड़ में नक्सलवाद को गहरी चोट लगी है। माओवाद संगठन के शीर्ष नेतृत्व ढेर हुआ है। देश भर में चल रहे नक्सल संगठन के प्रमुख और माओवादी संगठन के जनरल सेक्रेटरी नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजू उर्फ गगन्ना को DRG के जवानों ने मुठभेड़ में मार गिराया। देश भर में नक्सल संगठन के संचालन की जिम्मेदारी बसवा राजू पर थी। नक्सलवाद और नक्सल मोर्चे पर जवानों को ऐतिहासिक सफलता मिली है। DRG के जवानों ने नक्सल मोर्चे पर इतिहास रचा है। जिस नक्सली नेता की देश भर की सुरक्षा एजिंसीयो को तलाश थी उसे DRG के जवानों ने मार गिराया है।