मुलेठी (Liquorice) का नाम लगभग हर घर में कभी न कभी सुनने में आ ही जाता है। पान वाले के पास से ये आसानी से मिल जाता है। दादी-नानी के नुस्खों में सबसे ज्यादा जिक्र मुलेठी का ही होता था। हो भी क्यों ना ये है ही इतनी गुणकारी, सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद भी साबित होती है। आयुर्वेद और चीनी चिकित्सा पद्धति भी इसी मुलेठी को स्वास्थ्यवर्धक मानते आए हैं।
मूलेठी में कैल्शियम, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, वसा और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं। इसका उपयोग आंखों के रोग, मुखरोग, कंठ रोग, पेट की परेशानी, घाव और हृदय रोगों में किया जाता है। इसके तने और छाल को सुखाकर औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती है। मूलेठी के सेवन के कई लाभ हैं। इसके सेवन से वात और पित्त दोष कम होते हैं। यह त्वचा और बालों के लिए लाभकारी है। इसका सेवन खून साफ करने और बुद्धि विकास में सहायक है। सांस रोग में इसका काढ़ा पीना हितकारी माना जाता है।
मुलेठी का ऐसे करें सेवन
- आंखों में जलन, देखने में धुंधलेपन के लिए इसके काढ़े से आंखों को धोना और इसके चूर्ण में सौंफ का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम खाना हितकारी होता है।
- गला बैठने, आवाज भारी होने या लगातार हिचकी आने पर मुलेठी का टुकड़ा मुंह में रख कर चूसना लाभकारी है।
- मूलेठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से सूखी खांसी से राहत मिलती है।
- थकान, कमजोरी महसूस होने पर मूलेठी के चूर्ण को देशी घी में मिलाकर दूध के साथ सेवन करना चाहिए।
- इसका सेवन पाचन संबंधी समस्याओं जैसे- सीने में जलन, पेट में घाव (अल्सर), पेट की सूजन में एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच मूलेठी का चूर्ण मिलाकर पीने से फायदा होता है।
- महिलाओं के अनियमित मासिक संबंधी परेशानियों में दर्द, अधिक रक्तस्राव में एक चम्मच मूलेठी का चूर्ण और बराबर मात्रा में मिश्री मिला कर लेने से राहत मिलती है।
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध कम आता है तो आधा चम्मच मूलेठी का चूर्ण, आधा चम्मच शतावरी चूर्ण और आधा चम्मच मिश्री मिला लें। मिश्रण को एक ग्लास दूध में उबाल कर ठंडा कर पीना दूध बढ़ाने में सहायक है।
- त्वचा रोग जैसे- मुंह पर दाने, रूखी चमड़ी के लिए मूलेठी को तिल के साथ पीसकर देशी घी मिलाकर लेप लगाना हितकर है।
हालांकि, मुलेठी का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कई दिक्कतें हो सकती हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, पेट में गड़बड़ हो सकती है। मधुमेह और गुर्दे के रोगियों के लिए इसका सेवन वर्जित है।
( उक्त सभी उपाय, उपचार सामान्य हैं। प्रयोग करने से पहले आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह अवश्य करें। )