प्रभारी मंत्री : 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस में महज 4 दिन का समय बचा है, लेकिन प्रदेश की मोहन सरकार जिलों के प्रभारी मंत्रियों का प्रभार तय नहीं कर पाई है। 8 महीने की नई नवेली सरकार ने अबतक तक कई बड़े फैसले लिए, लेकिन प्रदेश के किस जिले का कौन सा प्रभारी मंत्री होगा यह फैसला लेने में देरी कर रही है और इस देरी को लेकर कई मायने निकाले जाने लगे है।
दरअसल, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिले में जिला का प्रभारी मंत्री झंड़ा फहराता है और परेड़ की सलामी लेते है। इसके अलावा मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन करता है। मोहन सरकार ने दावा किया था कि 15 अगस्त से पहले जिलों के प्रभारी मंत्रियों को उनका प्रभार तय कर दिया जाएगा, लेकिन 15 अगस्त में 4 दिन शेष बचे है और अबतक मंत्रियों को जिलों का प्रभार तय नहीं हो पाया है।
प्रभार को लेकर अटका मामला?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोहन सरकार ने कई जिलों के प्रभारी मंत्री तय कर लिए है, लेकिन कुछ मंत्रियों के प्रभार को लेकर मामला अटका हुआ है। सूत्रों की माने तो कुछ मंत्री अपना मन पसंद जिला चाहते है, वही सीएम मोहन मंत्रियों को उनके मन का जिला नहीं देना चाहते है। क्योंकि मंत्रियों को उनके मन मुताबिक जिला मिलता है तो जिले से शिकायतों का आना शुरू हो जाता है। साथ ही गुटबाजी की खबरे सामने आने लगती है। सीएम मोहन ऐसी नौबत नहीं लाना चाहते है। इसलिए प्रभारी मंत्रियों का प्रभार तय होने में देरी हो रही है। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि सीएम मोहन रविवार की देर रात या फिर सोमवार को प्रभारी मंत्रियों की सूची जारी कर सकते है।
55 जिले 33 मंत्री
आपको बता दे कि मध्यप्रदेश में कुल जिलों की संख्या 55 है और मोहन सरकार में 33 मंत्री है। ऐसे में 22 जिलों के लिए मंत्रियों का ऐलान नहीं हो सका है। फिलहाल किस मंत्री को कौन से जिले की कमान मिलेगी इस पर सभी की निगाहें है, लेकिन 15 अगस्त में 4 दिन बाकी है और मोहन सरकार प्रभारी मंत्रियों का फैसला नही ले पा रही है, इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं होने लगी है।