नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने जूनियर श्रेणी में उम्र को लेकर हो रही धोखाधड़ी सख्ती दिखाते हुए बीते महीने 400 से अधिक संदिग्ध मामलों की छानबीनकि है। जिसके उन्होंने 30 पहलवानों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह कदम मुख्य रूप से दिल्ली के अखाड़ों के प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों की शिकायतों के आधार पर उठाया गया है। शिकायत में कहा गया था कि, हरियाणा के कई पहलवानों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए खुद को दिल्ली में जन्मा हुआ दर्शाया ताकि वे जूनियर श्रेणी में हिस्सा ले सकें।
WFI से मांगनी होगी क्षमा :
WFI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हम इन पहलवानों का भविष्य बर्बाद नहीं करना चाहते, इसलिए उन्हें सिर्फ अंडर-18 और कैडेट जैसी जूनियर प्रतियोगिताओं से प्रतिबंधित किया है। यदि वे 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं, तो उन्हें सीनियर श्रेणी में हिस्सा लेना चाहिए और अपने वास्तविक राज्य का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। साथ ही
WFI से क्षमा मांगनी होगी, तभी उनके मामलों पर पुनर्विचार किया जाएगा।"
जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए रिश्वत :
अधिकारी ने आगे बताया कि यह प्रक्रिया बीते 30-40 दिनों से चल रही थी, जिसमें एक-एक करके 30 पहलवानों को निलंबन की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। अधिकतर खिलाड़ी हरियाणा से हैं, जिन्होंने अपने कोच के कहने पर दिल्ली के नरेला और रोहिणी क्षेत्रों से रिश्वत देकर नकली जन्म प्रमाण पत्र हासिल किए हैं।
नरेला से आए सबसे ज्यादा मामले:
अधिकारी के अनुसार जांच किए गए 400 मामलों में से लगभग 300 मामले नरेला क्षेत्र से संबंधित थे। जबकि बाकी केस रोहिणी के अंतर्गत आने वाले सुल्तानपुरी और मंगोलपुरी जैसे इलाकों से सामने आए हैं। अधिकतर खिलाड़ी बेगमपुरा से आयु प्रमाण पत्र बनवा रहे थे। दिल्ली से प्रतिनिधित्व करना अपेक्षाकृत आसान समझकर उन्होंने यह रास्ता चुना, क्योंकि हरियाणा टीम में जगह बनाना कठिन होता है।
WFI ने इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए MCD और दिल्ली छावनी बोर्ड से संपर्क कर जांच कराई और पुष्टि होने के बाद यह साबित हो गया कि, जिन प्रमाण पत्रों के आधार पर जूनियर श्रेणी में भाग लिया जा रहा था, वे फर्जी थे।