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पीएम मोदी बोले- कट्टरपंथ और उग्रवाद से लड़ने के लिए एससीओ को एक साझा खाका विकसित करना चाहिए

पीएम मोदी बोले- कट्टरपंथ और उग्रवाद से लड़ने के लिए एससीओ को एक साझा खाका विकसित करना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज डिजिटल के माध्यम से ताजिकिस्तान (Tajikistan) की राजधानी दुशांबे में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization- एससीओ) की वार्षिक शिखर बैठक को संबोधित किया। इस बैठक की अध्यक्षता ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान (Emomali Rahman) ने की। बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वर्ष हम एससीओ की 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। नए मित्र हमारे साथ जुड़ रहे हैं और मैं ईरान का हमारे नए भागीदार के रूप में स्वागत करता हूं। मैं सऊदी अरब, कतर और मिस्र का भी नए संवाद भागीदारों के रूप में स्वागत करता हूं। एससीओ (SEO) का विस्तार एससीओ के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

अफगानिस्तान में हाल की घटनाओं ने वर्तमान स्थिति को और भी स्पष्ट कर दिया है। एससीओ को इस संबंध में सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है। इस क्षेत्र में, प्रमुख चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से जुड़ी हैं। इन चुनौतियों का मुख्य कारण बढ़ता कट्टरपंथ है। मध्य पूर्व में कट्टरपंथ और उग्रवाद से लड़ने के लिए एससीओ को एक साझा खाका विकसित करना चाहिए।

भारत सहित एससीओ में हर देश में इस्लाम से संबंधित उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संगठन और परंपराएं हैं। एससीओ को इन संगठनों के बीच एक मजबूत नेटवर्क बनाने के लिए काम करना चाहिए। हम एससीओ की अध्यक्षता में भारत द्वारा प्रस्तावित गतिविधियों के कैलेंडर में सभी एससीओ देशों से सहयोग और समर्थन की उम्मीद करते हैं। कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई सिर्फ क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतर-विश्वास के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, यह हमारे युवाओं के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। अभिनव दृष्टिकोण और मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए हमें अपने उद्यमियों और स्टार्ट-अप को जोड़ना होगा। इसी सोच के साथ भारत ने पिछले साल पहले एससीओ स्टार्ट अप फोरम और एससीओ यंग साइंटिस्ट कॉन्क्लेव का आयोजन किया था।
 


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