International Yoga Day : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी, धूपगढ़, पर एक विशेष योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चारों ओर फैली हरियाली, बादलों से ढकी वादियां और ठंडी, ताज़ी हवा... ऐसे में योग करने का अनुभव अपने आप में अद्वितीय था।
कार्यक्रम में स्थानीय निवासियों के साथ-साथ विभिन्न शहरों से आए पर्यटकों और योग गुरुओं ने भाग लिया। सूर्य नमस्कार से लेकर प्राणायाम और ध्यान तक, सभी आसनों का अभ्यास पूरी एकाग्रता और उत्साह के साथ किया गया। प्रतिभागियों के चेहरे पर संतोष और आनंद का भाव स्पष्ट दिखाई दे रहा था। कार्यक्रम का आयोजन सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पचमढ़ी विभाग द्वारा कराया गया।
1. ताड़ासन (Tadasana - Mountain Pose):
विधि: सीधे खड़े हो जाएं, पैरों को थोड़ा अलग रखें, और हाथों को शरीर के बगल में रखें। सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और उंगलियों को आपस में फंसा लें। एड़ियों को ऊपर उठाएं और पैर की उंगलियों पर संतुलन बनाएं। शरीर को ऊपर की ओर खींचें। सांस छोड़ते हुए हाथों और एड़ियों को नीचे लाएं।
लाभ: शरीर को लंबा करता है, रीढ़ को मजबूत करता है, मुद्रा में सुधार करता है, और एकाग्रता बढ़ाता है।
2. वृक्षासन (Vrikshasana - Tree Pose):
विधि: सीधे खड़े हो जाएं। दाहिने पैर को मोड़ें और बाएं पैर की जांघ के अंदरूनी हिस्से पर रखें, एड़ी ऊपर की ओर होनी चाहिए। हथेलियों को छाती के सामने 'नमस्कार' मुद्रा में लाएं। संतुलन बनाए रखें और धीरे-धीरे हाथों को ऊपर उठाएं।
लाभ: संतुलन, स्थिरता और एकाग्रता में सुधार करता है। कूल्हों को खोलता है और पैरों को मजबूत करता है।
3. अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana - Downward-Facing Dog Pose):
विधि: हाथों और पैरों के बल आ जाएं, जैसे कि आप एक मेज पर हों। सांस छोड़ते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं, शरीर को 'V' आकार में लाएं। हाथ और पैर सीधे रखें। सिर को हाथों के बीच रखें।
लाभ: पूरे शरीर को फैलाता और मजबूत करता है। तनाव से राहत देता है, पाचन में सुधार करता है और मन को शांत करता है।
4. भुजंगासन (Bhujangasana - Cobra Pose):
विधि: पेट के बल लेट जाएं, हथेलियों को कंधों के नीचे रखें। सांस लेते हुए सिर और छाती को ऊपर उठाएं, जैसे कि एक कोबरा। कोहनी शरीर के करीब रखें।
लाभ: रीढ़ को लचीला बनाता है, पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है, और तनाव को कम करता है।
5. शवासन (Shavasana - Corpse Pose):
विधि: पीठ के बल लेट जाएं, पैरों को थोड़ा अलग रखें, और हाथ शरीर से दूर, हथेलियाँ ऊपर की ओर रखें। आँखें बंद करें और शरीर को पूरी तरह से शिथिल छोड़ दें।
लाभ: तनाव और चिंता को कम करता है, मन को शांत करता है, और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। यह योग अभ्यास के अंत में किया जाता है।
6. त्रिकोणासन (Trikonasana - Triangle Pose):
विधि: पैरों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ा अधिक फैलाकर खड़े हो जाएं। दाहिने पैर को बाहर की ओर मोड़ें। सांस लेते हुए हाथों को कंधों के स्तर तक उठाएं। सांस छोड़ते हुए दाहिनी ओर झुकें, दाहिने हाथ से दाहिने पैर को छूने की कोशिश करें और बाएं हाथ को ऊपर उठाएं।
लाभ: पैरों, घुटनों और टखनों को मजबूत करता है। कूल्हों, कमर, छाती और रीढ़ को फैलाता है। पाचन में सुधार करता है।
7. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana - Seated Forward Bend Pose):
विधि: पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं। सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। सांस छोड़ते हुए कूल्हों से आगे झुकें और हाथों से पैरों को पकड़ने की कोशिश करें।
लाभ: रीढ़, हैमस्ट्रिंग और कूल्हों को फैलाता है। तनाव को कम करता है और पाचन में सुधार करता है।