इजरायल: इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध के बीच एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। चीन के तीन कार्गो विमानों ने मिड-एयर ट्रांसपोंडर बंद कर ईरान में लैंडिंग की, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आशंका जताई जा रही है कि चीन इस संघर्ष में चुपचाप शामिल हो चुका है। इन तीन 'मिस्ट्री कार्गो प्लेन्स' के तेहरान पहुंचने के बाद इजरायल और अमेरिका की चिंता और भी बढ़ गई है।
हालांकि इन विमानों में क्या सामग्री लाई गई है, इसका आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन द्वारा ईरान को हथियार या एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति की गई है। विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से इजरायल के खिलाफ खड़ा ईरान अब और मजबूत स्थिति में पहुंच सकता है। इस बीच रूस के भी ईरान के साथ खड़े होने के संकेत मिले हैं, जिससे इस संघर्ष का दायरा और बढ़ने की आशंका है।
ईरान पर इजरायल का बड़ा हमला:
गुरुवार से शुक्रवार के बीच इजरायल ने अपने 60 फाइटर जेट्स से ईरान पर मिसाइलों की भारी बमबारी की। यह हमला ईरान की सैन्य और परमाणु क्षमताओं को कमजोर करने के इरादे से किया गया बताया जा रहा है।
ईरान का पलटवार: अमेरिका पर भी साधा निशाना:
ईरान के विदेश मंत्री ने साफ कहा है कि उनका मिसाइल प्रोग्राम सिर्फ डिफेंसिव है, और इस पर कोई वार्ता नहीं होगी। उन्होंने अमेरिका को सीधे तौर पर हमलों में शामिल बताते हुए कहा कि ट्रंप ने स्वयं इस बात को स्वीकार किया है।
भारत के लिए एयरस्पेस खोला, छात्रों की सुरक्षित निकासी जारी:
इस तनावपूर्ण माहौल में ईरान ने भारत के लिए अपना एयरस्पेस खोल दिया है, जिससे वहां फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। अब तक 600 से अधिक छात्र सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा चुके हैं, जिनमें 500 कश्मीरी छात्र शामिल हैं। इन छात्रों को तुर्कमेनिस्तान के रास्ते दिल्ली लाया जाएगा।
ट्रंप का बयान: दो हफ्तों में होगा फैसला:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका दो हफ्तों में तय करेगा कि वह इजरायल-ईरान युद्ध में शामिल होगा या नहीं। यह बयान इजरायल के लिए निराशाजनक माना जा रहा है, क्योंकि पहले संभावना जताई जा रही थी कि अमेरिका शीघ्र ही इस युद्ध में सक्रिय रूप से शामिल हो सकता है।
इजरायल का ऐलान: परमाणु ढांचे करेंगे ध्वस्त:
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि उनका देश ईरान के परमाणु और मिसाइल ढांचे को पूरी तरह नष्ट करने की दिशा में कदम उठा रहा है। उन्होंने ट्रंप के समर्थन के लिए आभार भी जताया।
खामेनेई की चेतावनी: अमेरिका को भुगतना पड़ेगा भारी नुकसान:
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उसने सैन्य हस्तक्षेप किया, तो उसे अपूरणीय क्षति का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि जब तक इजरायल हमले नहीं रोकता, तब तक अमेरिका से किसी भी तरह की वार्ता संभव नहीं है।