रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ जारी अभियान के बीच सियासी एकजुटता की मिसाल देखने को मिली है। डिप्टी मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू को फोन कर उनके द्वारा नक्सलवाद के खिलाफ दिए गए समर्थन भरे बयान की सराहना की। फोन पर बातचीत के दौरान डिप्टी सीएम ने राज्य सरकार द्वारा नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी, खासकर उनके लिए आवास योजनाओं की पहल का उल्लेख किया।
पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने भी सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए भरोसा दिलाया कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में वे सरकार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि इस विषय पर राजनीति से ऊपर उठकर एकजुटता की ज़रूरत है।
डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी दी प्रतिक्रिया :
इस संदर्भ में डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “राजनीति में जब कोई नेता सरकार के अच्छे कार्यों की सराहना करता है, तो वह आदर्श राजनीति का प्रतीक होता है।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में आतंकवाद, नक्सलवाद और अलगाववाद के खिलाफ निर्णायक अभियान चलाया जा रहा है।
अरुण साव ने कांग्रेस के उन नेताओं पर भी निशाना साधा जो सरकार को नक्सल मोर्चे पर असफल बता रहे हैं। उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षों में जिस पार्टी ने नक्सलवाद को पाला-पोसा, आज उनके कुछ नेताओं के बयानों से साफ झलकता है कि उनका नक्सलियों के प्रति कितना प्रेम है।”
कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा को लेकर डिप्टी सीएम अरुण साव का बयान:
डिप्टी मुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा को लेकर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा स्वार्थ, सत्ता और वोट बैंक के लिए संविधान का उल्लंघन किया है। अब जब वह सत्ता से बाहर हो चुकी है और अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है, तब उसे संविधान की याद आ रही है। उन्होंने आगे कहा, "भारत में संविधान आज सर्वोपरि है, और हमें इसे सभी परिस्थितियों में संरक्षित रखना चाहिए।"
अरुण साव ने कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा को केवल एक राजनीतिक चाल करार देते हुए कहा कि यह यात्रा सिर्फ जनता की आँखों में धूल झोंकने का काम कर रही है। उनका कहना था कि इस तरह की राजनीति से केवल भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, जबकि असलियत में कांग्रेस ने संविधान के साथ हमेशा खिलवाड़ किया है।