52 Shaktipeeths 50 Manasa Shaktipeeths: मानसा शक्तिपीठ जिसे दक्षायनी या मानसा शक्ति पीठ भी कहा जाता है, तिब्बत (वर्तमान में चीन के अधीन क्षेत्र) में विश्वप्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर के तट पर स्थित है। यह 52 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और हिंदू धर्म में इसका अत्यंत पवित्र स्थान है। यहां देवी की पूजा देवी मनसा के रूप में और भगवान शिव की पूजा भगवान अमर के रूप में की जाती है।
पौराणिक मान्यता सती का दाहिना हाथ:
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा दक्ष के यज्ञ में अपमानित होकर माता सती ने अपने प्राण त्याग दिए थे। इसके बाद भगवान शिव उनके पार्थिव शरीर को लेकर तांडव करने लगे। सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े किए, जो विभिन्न स्थानों पर गिरे और वे स्थान शक्तिपीठ कहलाए। मान्यता है कि माता सती का दाहिना हाथ इसी स्थान पर गिरा था, जिससे यह स्थान मानसा शक्तिपीठ के रूप में प्रतिष्ठित हुआ।
मानसरोवर झील का धार्मिक और पौराणिक महत्व:
मानसरोवर झील को हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्मों में अत्यंत पवित्र माना जाता है। हिंदू ग्रंथों और महाकाव्यों रामायण और महाभारत में भी मानसरोवर का उल्लेख मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने अपने मन (मानस) से इस झील की रचना की थी, इसलिए इसे मानसरोवर कहा गया। यह झील ब्रह्मा के वाहन हंस का प्रिय निवास स्थान मानी जाती है। रामायण में ऋषि विश्वामित्र भगवान राम को बताते हैं कि इसी मानसरोवर से सरयू नदी का उद्गम हुआ, जो अयोध्या से होकर बहती है।
प्रकृति का अद्भुत चमत्कार:
मानसरोवर झील समुद्र तल से लगभग 4,590 मीटर (15,060 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।परिधि लगभग 88 किलोमीटर, क्षेत्रफल करीब 320 वर्ग किलोमीटर और अधिकतम गहराई लगभग 100 मीटर है। झील का आकार लगभग गोल है और इसके तट से कैलाश पर्वत का भव्य दृश्य दिखाई देता है। श्रद्धालु मानसरोवर झील की परिक्रमा भी करते हैं, जिसे अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। आज भी यहां सुनहरे हंस देखे जाते हैं, जो इस स्थान की पौराणिक कथाओं को जीवंत कर देते हैं।
कैसे पहुंचें मानसा शक्तिपीठ:
मानसा शक्तिपीठ तक पहुंचना कठिन जरूर है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था इसे विशेष बनाती है। निकटतम हवाई अड्डे से जम्मू (भारत) काठमांडू (नेपाल) या भारत से आगे का सफर सड़क मार्ग और कुछ हिस्सों में हेलीकॉप्टर से तय किया जाता है। पूरी यात्रा में सामान्यत 10 से 11 दिन का समय लगता है। मानसरोवर या मानसा शक्तिपीठ तक सीधी रेल सेवा उपलब्ध नहीं है।
आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र:
मानसा शक्तिपीठ केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शांति और आत्मिक अनुभूति का केंद्र है। कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के सान्निध्य में स्थित यह श क्तिपीठ श्रद्धालुओं को अद्भुत ऊर्जा और दिव्यता का अनुभव कराता है।