Mullah : भारत देश दुनिया में एक ऐसा देश है जहां हर धर्म के लोग रहते है। यही भारत की अलग पहचान मानी है। भारत में हिंदू, मस्लिम, सिख, जैन, ईसाई समेत कई धर्म के लोग एकता के साथ रहते है। इन धर्मो में कई जातियां भी होती है। मुस्लिम धर्म में भी कई जातियां होती हैं। लोग अपने नाम के पीडे पठान, खान, कुरैशी, अंसारी, खान जैसी उपनाम यानि सरनेम का उपयोग करते है। आपने सुना होगा की कई मुसलमान लोग अपने नाम के पीछे मुल्ला भी लगाते है, लेकिन आपको क्या पता है कि मुल्ला का मतलब क्या होता है।
क्या है 'मुल्ला' का मतलब?
इंटरनेट पर उपलब्ध डाटा के अनुसार मुल्ला शब्द को फारसी से और मौला को अरबी भाषा से लिया गया है। मुल्ला शब्द का उपयोग इस्लामी धार्मिक शिक्षा में योग्यता रखने वाले लोगों के लिए उपयोग में लाया जाता है। वही मौला का मतलब गार्डियन या मास्टर होता है। मुल्ला शब्द का इस्तेमाल मुस्लिम धर्मगुरू या मस्जिद का इमाम करते है।
नाम में क्यों लगाते है 'मुल्ला'?
मस्लिम समुदाय में जो व्यक्ति इस्लाम का ज्ञान रखता है वो मुल्ला शब्द को अपने नाम के पीछे आमतौर पर इस्तेमाल करता है। हालांकि यह कोई उपाधि नहीं है, यह एक तरह का सरनेम माना जाता है। जो मुसलमान इस्लामी धार्मिक शिक्षा क्षेत्र में निपुण होते है, उन्हें मुल्ला कहा जाता है। जैसे हिंदू धर्म में पंडित लगाया जाता है। मुल्ला शब्द ही नहीं इस्लाम में इतिहास, संस्कृति और विरासत की एक धरोहर है।