GPM: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले के प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल उस समय चर्चा में आ गए जब वे जिले के प्रवास के दौरान एक सरकारी शराब दुकान के निरीक्षण के लिए पहुंच गए। पूछने पर मंत्री ने कहा कि "यह जिला मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की सीमा में बसा है इसलिए इस जिले के शराब दुकान का भी निरीक्षण कर जायजा लिया गया क्योंकि मध्य प्रदेश से शराब छत्तीसगढ़ में पहुंच सकता है और शराब दुकानों में बिक्री सहित आसपास ला इन ऑर्डर की स्थिति से अवगत हुआ हूं और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा राजस्व शराब से ही मिलता है। शराब बंद करने वाले सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इकट्ठा शराब बंद नहीं किया जा सकता है धीरे-धीरे शराबबंदी किया जाएगा" मंत्री का यह दौरा सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहा है, क्योंकि इस समय राज्य के सरकारी अस्पतालों में फंगस लगी दवाओं को लेकर भारी विवाद चल रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का तंज – "शिकायतें दवा की, पर जांच दारू की!":
इस निरीक्षण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखा कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया: "शिकायतें दवा की हैं, दवा में कमीशन की हैं, पर स्वास्थ्य मंत्री दारू दुकान का औचक निरीक्षण कर रहे हैं!!!", "सुशासन तिहार चकाचक चल रहा है" कहते हुए प्रदेश सरकार पर व्यंग्य भी किया।
फंगसयुक्त दवाओं की खबरों के बीच उठा विवाद:
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में अमानक और फंगसयुक्त दवाओं के वितरण को लेकर बड़ा हंगामा मचा हुआ है। हज़ारों मरीजों को खराब दवाएं दिए जाने की शिकायतें सामने आई हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री का इस दौरान शराब दुकान का निरीक्षण करना लोगों को 'गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश' लग रहा है।
सोशल मीडिया पर ट्रोल – “दारू ब्रांड ठीक है, पर दवा कैसी भी चले!”:
स्वास्थ्य मंत्री के इस दौरे पर सोशल मीडिया यूज़र्स ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ यूज़र्स ने लिखा –
"भले ही खराब दवाई खाकर मरीज मर जाए, पर दारू मिलावटी नहीं होनी चाहिए!"
"दारू पीने वाला ज़िंदा रहना ज़रूरी है, क्योंकि उसका ज़िंदा रहना सरकार और नेताओं के लिए जरूरी है!"
एक अन्य यूज़र ने व्यंग्य करते हुए लिखा –
"जब अस्पतालों में मरीज फंगस लगी दवाएं खा रहे हों, उस समय मंत्री जी ब्रांड चेक करने में लगे हैं!"