छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान के बीच उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सोमवार को एक अनोखी पहल की। वे कोंटा विकासखंड के अतिसंवेदनशील पूर्वर्ती गांव पहुंचे, जहां उन्होंने नक्सली नेताओं हिड़मा और देवा की माताओं से मुलाकात की।
पूर्वर्ती गांव में जनचौपाल, ग्रामीणों से की सीधी बात
रायपुर से करीब 530 किलोमीटर दूर स्थित पूर्वर्ती गांव में डिप्टी सीएम ने जनचौपाल का आयोजन किया। इसमें ग्रामीणों के साथ-साथ माड़वी हिड़मा और बारसे देवा के परिजन भी शामिल हुए।
चौपाल में माड़वी पुंजी (हिड़मा की मां) और बारसे सिंगे (देवा की मां) ने भी शिरकत की। उपमुख्यमंत्री ने गांव की समस्याओं को सुना, ग्रामीणों के साथ भोजन किया और अधिकारियों को विकास संबंधी मांगें पूरी करने के निर्देश दिए।
नक्सली नेताओं की माताओं की भावुक अपील
माड़वी पुंजी और बारसे सिंगे ने कहा कि उनके बेटे हथियार उठाकर गलत राह पर चल पड़े हैं और इससे परिवार व समाज दोनों का नुकसान हो रहा है। उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर कहा —
“हथियार छोड़ो, परिवार और समाज के बीच लौटो। जंगलों में भटकने से किसी का भला नहीं होगा। विकास और शांति के लिए मिलकर काम करो।”
“हथियार छोड़ें, शासन उनका साथ देगा” — उपमुख्यमंत्री शर्मा
विजय शर्मा ने कहा कि शासन का उद्देश्य है कि भटके हुए युवा पुनर्वास की राह अपनाएं। सरकार उनका पूर्ण सहयोग और सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने बताया कि दक्षिण बस्तर के युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।
“जो युवा हिंसा छोड़ देंगे, सरकार उन्हें सम्मान और रोज़गार दोनों देगी। यह युवा शक्ति क्षेत्र के विकास की सबसे बड़ी ताकत बन सकती है।”