रायपुर: छत्तीसगढ़ में जारी मूसलधार बारिश का असर अब रसोई तक पहुंच चुका है। बीते पंद्रह दिनों में सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है। थोक और खुदरा बाजार दोनों जगहों पर दाम तीन गुना तक बढ़ चुके हैं, जिससे आम जनता परेशान है।
फसल बर्बाद, लोकल सप्लाई ठप
स्थानीय सब्जी उत्पादकों ने इस बार धान की खेती को प्राथमिकता दी है, जिससे मंडियों में लोकल सब्जियों की आपूर्ति लगभग बंद हो गई है। जो किसान सब्जियां उगा रहे हैं, उनकी फसलें लगातार बारिश के कारण खराब हो रही हैं। इस वजह से थोक मंडियों में आवक में भारी गिरावट आई है।
परिवहन बनी बड़ी चुनौती
बारिश के कारण कई सड़कों पर जलभराव और वाहनों की आवाजाही बाधित है। इस कारण से ट्रकों का ट्रांसपोर्ट महंगा हो गया है और सब्जियां मंडियों तक समय पर नहीं पहुंच पा रहीं। इससे न केवल माल की बर्बादी हो रही है, बल्कि लागत भी बढ़ रही है, जिसका बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
खुदरा बाजार में तेजी से बढ़े दाम
अब आम जनता को रोजाना की सब्जियां भी भारी कीमत पर खरीदनी पड़ रही हैं:
पहले ₹15-₹30 किलो बिकने वाली सब्जियां अब ₹40-₹80 किलो तक बिक रही हैं।
टमाटर ₹50-₹60 प्रति किलो पर पहुंच गया है, जो कि पहले आधे दाम में मिलता था।
करेला, भिंडी, लौकी, और परवल जैसी सब्जियां भी अब आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं।