रायपुर: छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में बुधवार को सीएम साय ने राज्य के पहले ट्राइबल म्यूजियम का लोकार्पण किया है। दरअसल छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने आदिवासी बाहुल्य ट्राइबल म्यूजियम बनाकर आदिवासी जीवनशैली और उनकी संस्कृति व सभ्यता को आमजन तक पहुंचने की पहल की है। जिसके तहत करीब 10 एकड़ क्षेत्र में नवा रायपुर अटल नगर में आकर्षक और भव्य आदिवासी संग्रहालय बनाई गई है, और मुख्यमंत्री साय ने राज्य के पहले ट्राइबल म्यूजियम का बुधवार 14 मई को इसका लोकार्पण किया है।
अटल बिहारी बाजपेयी को किया याद:
इस लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम साय ने आदिवासी परम्परा अनुरूप मुख्य द्वार पर सबसे पहले पूजा किया। गैलेरी में मंगलकामना करते हुए पंचतत्व के साथ प्रकृति शक्ति की पूजा की। छत्तीसगढ़ के निर्माता तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को CM साय ने याद करते हुए कहा कि जनजाति विकास के लिए केन्द्र सरकार में उनके कार्यकाल में ही आदिम जनजाति कल्याण मंत्रालय का गठन हुआ था। वहीं आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष पिछड़ी जनजाति समूह और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत पीएम जनमन योजना लागू की है।
इस थीम पर बनाया गया गैलरी:
इसके आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में आज राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद को आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू सुशोभित कर रही हैं। हमारी सुंदर जनजातीय संस्कृति से हमारे छत्तीसगढ़ राज्य की विशेष पहचान है। जनजातीय संस्कृति छत्तीसगढ़ में विविधता है और अपनी हर जनजातीय समुदाय की एक विशिष्ट पहचान है। बता दें कि हमारे प्रदेश में लगभग 43 जनजातीय समुदाय हैं। इतना ही नहीं इनकी कई अनेकों उपजातियां भी हैं। जनजातीय समुदाय कापहनावा, सुंदर संसार, संगीत, इनका खानपान, वाद्ययंत्र, लोककला और नृत्य इन सबकी झलक म्यूजियम में नजर आती है। जो इन 14 गैलरी में शामिल किया गया हैं और एक विशेष थीम पर हर गैलरी को बनाया गया है।
डिजिटल माध्यमों दर्शाया लोककला का दृश्य :
साथ ही साय ने कहा कि यह संग्रहालय आदिवासी संस्कृति के साथ आदिवासी समाज की कला और परंपराओं को संरक्षित करेगा, बल्कि अपनी जड़ों से युवा पीढ़ी को जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। इस संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जनजातीय समुदायों की वेशभूषा, जीवनशैली, रीति-रिवाज, धार्मिक मान्यताओं और लोककला के दृश्य को डिजिटल माध्यमों से बेहद खुबसूरत ढंग से दर्शाया गया है।
आदिवासी जीवन पद्धति पर आधारित:
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इस ट्राइबल म्यूजियम के लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता की है। उन्होंने ट्राइबल म्यूजियम के शुभारंभ को रक गौरव का क्षण बताया है। साथ ही कहा कि प्रदेश में आदिवासी बाहुल्य और आदिवासी संस्कृति के जीवन पद्धति को ध्यान में रखते हुए इस ट्राइबल म्यूजियम का निर्माण किया गया है।