Chhattisgarh: मणिपुर पुलिस ने आशंका की आधार पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के काफिले को रोक दिया है। यह घटना बिष्णुपुर में गुरुवार (29 जून) को हुई। इस परिस्थिति में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर कठोर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक व्यक्ति हैं, जिससे केंद्र सरकार डरती है। राहुल गांधी सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति हैं और वे नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने के लिए जाने जाते हैं।
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भूपेश बघेल ने कहा कि मणिपुर लगातार आग बुझा रहा है और वहां जानमाल का नुकसान हो रहा है। हालांकि, वह इसे बीजेपी की डबल इंजन की सरकार के तहत रोकने का नाम नहीं ले रहे हैं। उनके अनुसार, राहुल गांधी वहां जा रहे हैं जबकि लोग दुखी हैं, और उसे काफिला रोकना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक नागरिक की भूमिका में हैं और इसलिए उसे किसी खतरे का सामना करने की संभावना नहीं है। उनके पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सर्वदलीय बैठक की मांग की और कहा कि यह घटना मणिपुर में ही होनी चाहिए और वहां की सरकार को बर्खास्त करना चाहिए।
भूपेश बघेल ने कहा कि गृहमंत्री वहां गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि डंडे की जबरदस्ती पर शांति स्थापित नहीं की जा सकती है और केवल वक्तव्य और आदेशों के अलावा दूसरी बातचीत भी आवश्यक है। वे कहते हैं कि विभिन्न समुदायों के लोगों के साथ बातचीत होनी चाहिए, जो वर्तमान में संभव नहीं है।
पुलिस ने काफिला को क्यों रोका?
बता दें कि राहुल गांधी के काफिले को चुराचांदपुर से शिविरों का दौरा करने के लिए बिष्णुपुर में जाने से पहले पुलिस ने उन्हें रोक दिया है। उन्होंने पहले से ही दिल्ली से इम्फाल पहुंच चुके थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, काफिले को रोकने का कारण हिंसा की आशंका है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि "उनकी सुरक्षा को खतरा है और हम राहुल गांधी को आगे बढ़ने के लिए जोखिम नहीं ले सकते हैं।
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