राजा शर्मा // डोंगरगढ़ । पश्चिम बंगाल और कश्मीर में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं के विरोध में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और सर्व हिंदू समाज के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को डोंगरगढ़ में आक्रोश रैली निकाली गई। बड़ी संख्या में नगर के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के लोगों ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
ममता बनर्जी की प्रतीकात्मक शवयात्रा, आतंकवाद का पुतला दहन:
रैली के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली गई और कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुई आतंकी घटना के विरोध में आतंकवाद का पुतला दहन किया गया। उपस्थित कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने "हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो", "ममता तेरी तानाशाही नहीं चलेगी" जैसे नारों के साथ विरोध किया।
बंगाल हिंसा पर उठी राष्ट्रपति शासन की मांग:
पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओ ने आरोप लगाया कि 11 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में सुनियोजित तरीके से हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया। महिलाओं के साथ अत्याचार, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई और सरकार मूकदर्शक बनी रही। बजरंग दल व विहिप के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार से मांग की कि बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और हिंसा की NIA से जांच कराई जाए।
कश्मीर की घटना पर जताया शोक, मांगी सख्त कार्रवाई:
कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा हिंदू पर्यटकों की हत्या की घटना पर भी कार्यक्रम में शोक व्यक्त किया गया। वक्ताओं ने कहा कि धर्म पूछकर पर्यटकों की हत्या की गई, जिससे कई परिवार उजड़ गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
प्रमुख मांगें रखी गईं:
(1) बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू हो
(2) इस हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से करवाई जाए
(3) राज्य की कानून व्यवस्था को केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपी जाए
(4) बांग्ला देशी और रोहिंग्यो घुसपैठियों को चिन्हांकित कर देश से बाहर निकाला जाए (5)भारत बांग्लादेश सीमा पर तारबंदी की जाए।
श्रद्धांजलि के साथ रैली का समापन:
रैली के अंत में पश्चिम बंगाल और कश्मीर की घटनाओं में मारे गए हिंदुओं को श्रद्धांजलि देते हुए 2 मिनट का मौन रखा गया। रैली में विहिप अध्यक्ष बालमुकुंद तराने, बजरंग दल जिला सह-संयोजक हनी गुप्ता, नगर संयोजक ऋषभ डाकहा समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।