PC Sharma : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से एक मानवता को शर्मशार कर देने वाली खबर सामने आई है। खबर ऐसी है की आप भी सुनकर सोचने पर मजबूर हो जाएंगे की क्या आज के समये में एक इंसान की कीमत क्या है? क्या बीमारी एक इंसान को कचरे के ढेर तक ले जा सकती है? क्या 20 दिनों तक एक इंसान कचरे के ढेर में पड़ा तड़पता रहता है? अगर ऐसा हुआ भी है तो कहां गई इंसानियत? कहां गया प्रशासन? कहां है नेताओं के बड़े बड़े वादे...
दरअसल, राजधानी भोपाल में एक युवक बीते करीब 20 दिनों से एक कचरे के ढेर में बीमारी के चलते तड़पता बिखता रहा। युवक को लोग रास्ते से देखते रहे, लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली, बल्कि किसी ने प्रशासन को भी नहीं जगाया, लेकिन जब घटना की जानकारी पूर्व मंत्री पीसी शर्मा को लगी तो वे युवक को कचरे के ढेर अस्पताल लेकर पहुंचे और उसका इलाज शुरू कराया।
प्रशासन पर उठाए सवाल
पूर्व कांग्रेस मंत्री पीसी शर्मा ने मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना को लेकर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए जमकर हमला बोला है। पीसी शर्मा ने सोशल मीडिया पर युवक के कचरे के ढेर में पड़े होने का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि क्या इंसान की जान की कोई कीमत नहीं…? छोला मंदिर के सामने एक युवक पूरे 20 दिनों तक कचरे के ढेर में पड़ा रहा, बीमारी और बेबसी में तड़पता रहा… लेकिन स्थानीय पुलिस और प्रशासन की संवेदनाएं मर चुकी थीं।
क्या जान की कोई कीमत नहीं?
पीसी शर्मा ने आगे लिखा है कि न किसी अधिकारी की नजर गई, न किसी कर्मचारी की चिंता जागी, ना किसी थाने की जिम्मेदारी बन पाई। यह दृश्य किसी कमजोर सिस्टम का नहीं, निर्दयी व्यवस्था का प्रतीक है। जब अशोक उपाध्याय जी से यह अमानवीय खबर मिली, तो मैंने तत्काल मौके पर पहुंचकर उस युवक को हमीदिया अस्पताल पहुंचाया, ताकि उसका इलाज हो सके और वो इंसान की तरह जी सके। क्या पुलिस और प्रशासन का काम सिर्फ रस्म निभाना है? क्या गरीबों की जान की कोई कीमत नहीं?”