रायपुर: उच्च शिक्षा विभाग को शैक्षणिक सत्र 2025-26 में नए महाविद्यालय खोलने 60 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 30 आवेदन उन संस्थानों के हैं, जो पहले से ही बीएड महाविद्यालयों का संचालन कर रहे हैं। आवेदन करने वाले किसी भी संस्थान को नए महाविद्यालय खोलने की अनुमति नहीं मिल सकी है, इसलिए इस बार कोई भी नए कॉलेज नहीं खुलेंगे।
नए सत्र के प्रारंभ हो चुके हैं दाखिले:
दूसरी ओर पूर्व से संचालित महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, उच्च शिक्षा मंत्री नहीं होने के कारण फाइलें अटकी हुई हैं। ना केवल नए कॉलेज बल्कि पहले से संचालित महाविद्यालयों में नए पाठ्यक्रम की अनुमति भी नहीं मिल सकी है। नए महाविद्यालय और नए पाठ्यक्रम के लिए विश्वविद्यालयों की टीम सहित उच्च शिक्षा विभाग की टीम भी निरीक्षण करके जा चुकी है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया बीते वर्ष जुलाई माह तक चली थी। एक वर्ष बाद भी अनुमति प्रक्रिया लंबित होने के कारण महाविद्यालय निराश हैं। इन कॉलेजों में अब अगले सत्र से ही नए पाठ्यक्रम की शुरुआत हो सकेगी।
4 कॉलेजों की मान्यता हुई है रद्द:
बीएड-डीएलएड पाठ्यक्रमों के संचालन को लेकर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन ने मापदंड कड़े कर दिए हैं और इनका सख्ती के साथ पालन भी किया जा रहा है। प्रदेश के 4 बीएड महाविद्यालयों की मान्यता नए सत्र के लिए केवल इसलिए रद्द कर दी गई क्योंकि उन्होंने अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश नहीं की थी। जिन नए कॉलेजों के लिए उच्च शिक्षा विभाग को आवेदन मिले हैं, उनमें अधिकतर रायपुर, दुर्ग और जांजगीर के हैं।
इसलिए बीएड कॉलेजों की अधिकता:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बीएड पाठ्यक्रम का संचालन उन्हीं महाविद्यालयों में हो सकेगा, जहां बीए, बीकॉम, बीएससी अथवा अन्य पाठ्यक्रम का भी संचालन हो रहा हो। 2030 तक नवीन व्यवस्था लागू की जाएगी। छत्तीसगढ़ में जिन कॉलेजों में बीएड पाठ्यक्रम का संचालन हो रहा है, उनमें से अधिकतर में केवल बीएड कोर्स ही हैं अर्थात यहां बीए, बीकॉम, बीएससी जैसे परंपरागत पाठ्यक्रम नहीं हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नए नियमों के कारण बीएड कॉलेजों ने नवीन संस्थान खोलने अथवा नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए आवेदन दिए हैं, ताकि वे 2030 के बाद भी बीएड का संचालन कर सकें।