नई दिल्ली। ‘Operation Sindoor’ भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान और पीओके में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंक के गढ़ पर सीधा वार किया है। इस सटीक और सर्जिकल हमले में मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर के परिवार को भारी नुकसान पहुंचा है। खबर है कि इस ऑपरेशन में मसूद अजहर के 14 करीबी रिश्तेदार मारे गए हैं। वहीं, उसका भाई और जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर रऊफ असगर गंभीर रूप से घायल हुआ है।आतंकी मसूद अजहर ने चिट्ठी जारी करते हुए कहा कि दिल करता है कि काश मैं भी इस हमले में मर जाता।
मारे गए लोगों में रऊफ असगर का बेटा हुज़ैफ़ा और उसके भाई की पत्नी भी शामिल हैं। यह हमला न सिर्फ जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी नेटवर्क पर सीधा प्रहार है, बल्कि भारत की कूटनीतिक और सैन्य दृढ़ता का स्पष्ट संकेत भी देता है।
मसूद अजहर: भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी:
मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और सबसे खतरनाक आतंकी चेहरों में से एक है। 1999 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट IC-814 के अपहरण के बाद भारत को मजबूरी में उसे रिहा करना पड़ा था। रिहाई के बाद से मसूद पाकिस्तान में छिपकर भारत के खिलाफ कई बड़े आतंकी हमलों की साजिश रचता रहा है।
इसके नेतृत्व में जैश ने –
2000 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला,
2001 में भारतीय संसद पर हमला,
2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला,
2019 में पुलवामा आत्मघाती हमला जैसे खौफनाक हमले अंजाम दिए।
बहावलपुर में तबाह हुआ मसूद का मदरसा और जैश का मुख्यालय:
भारतीय सेना की इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माने जाने वाला बहावलपुर स्थित मदरसा और आतंकी संगठन का मुख्यालय पूरी तरह तबाह कर दिया गया। यह वही इलाका है जहां से मसूद अजहर अपने संगठन को संचालित करता था और नए आतंकी तैयार करने के लिए ट्रेनिंग कैंप्स चलाता था।
इस हमले के जरिए भारतीय सेना ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले — जिसमें 26 लोगों की जान गई थी — का करारा जवाब दिया है।
अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित:
मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2019 में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया था। बावजूद इसके, वह पाकिस्तान में खुलेआम घूमता रहा और नए मदरसों के ज़रिए आतंकवाद का नेटवर्क फैलाने की कोशिश करता रहा। लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने अब उसके नेटवर्क की रीढ़ तोड़ दी है।