Seoni Jungle Book : मध्य प्रदेश का सिवनी रेलवे स्टेशन अब एक खास पहचान के लिए आगे की ओर बढ़ने लगा है। यह स्टेशन पूरी तरह से प्रसिद्ध बाल साहित्य ‘जंगल बुक’ की थीम पर आधारित होगा। यह दुनिया का पहला रेलवे स्टेशन होगा जिसे जंगल बुक के किरदारों के साथ सजाया जा रहा है। यह न केवल बच्चों और पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि सिवनी के महत्व को सामने लाएगा।
दरसअल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 मई को ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत देशभर में 103 स्टेशनों का लोकार्पण करने जा रहे हैं, जिसमें सिवनी स्टेशन भी शामिल है। इन सभी स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं और खास थीम्स के साथ विकसित किया गया है। रेलवे मंत्रालय के अनुसार, यह परियोजना न केवल यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि हर स्टेशन को उसकी स्थानीय पहचान से जोड़ने का काम भी करेगी।
मोगली की दुनिया का स्वागत
सिवनी रेलवे स्टेशन को एक विशेष रूप दिया गया है, जिसमें जंगल बुक के प्रसिद्ध पात्रों जैसे मोगली, बघीरा, बालू और शेर खान की मूर्तियां और चित्र लगाए गए हैं। यह पूरी थीम इस तरह डिजाइन की गई है कि स्टेशन पर कदम रखते ही पर्यटक खुद को मोगली की दुनिया में महसूस करेंगे। रेलवे मंत्रालय के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि इस स्टेशन का डिज़ाइन बच्चों और साहित्य प्रेमियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह न केवल एक थीम आधारित स्टेशन है, बल्कि भारतीय संस्कृति और साहित्य के एक महत्वपूर्ण अध्याय को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है।
जंगल बुक और सिवनी का रिश्ता
बहुचर्चित ‘जंगल बुक’ केवल एक काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि सिवनी जिले की गहराइयों में रची-बसी एक परंपरा है। लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने अपनी किताब में जिन प्राकृतिक दृश्यों और जानवरों का ज़िक्र किया है, वे सिवनी जिले के पेंच नेशनल पार्क और आसपास के क्षेत्रों से मिलते हैं। यहां की बैनगंगा नदी, उसकी कछारें, और घने जंगल ‘जंगल बुक’ की कथा को जीवंत करते हैं। इतिहासकारों के अनुसार, 1831 में अंग्रेज अधिकारी सर विलियम हेनरी स्लीमन ने अपने दस्तावेजों में यह उल्लेख किया था कि सिवनी के संतबावड़ी गांव में एक बच्चा पाया गया था जो भेड़ियों के बीच पला-बढ़ा था। माना जाता है कि यही घटना ‘जंगल बुक’ की प्रेरणा बनी।
पेंच नेशनल पार्क, मोगली की धरती
सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों में फैला पेंच नेशनल पार्क लगभग 750 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र दोनों राज्यों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। नागपुर के पास स्थित सोनगांव हवाई अड्डे से यह लगभग 93 किलोमीटर दूर है। यदि कोई जंगल बुक की कहानी को वास्तविकता में महसूस करना चाहता है, तो पेंच नेशनल पार्क एक आदर्श स्थान है।