Bhind News : मध्यप्रदेश के भिंड जिले के तहसीलदार मोहन लाल शर्मा ने एक अजीबोगरीब आदेश जारी कर पूरे महकमे को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने माता, पिता, जिला, गांव सभी के नाम भिंड बताकर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इस आदेश में तहसीदार ने कहा कि नाम भिंड, पिता का नाम भिंड, घर का पता भिंड की मृत्यु 8 नवंबर 2018 को हो गई, इसलिए इसे मृत्यु रजिस्टर में दर्ज किया जाए। हालांकि कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने इसे गंभीरता से लेते तहसीलदार को लैंड रिकार्ड में अटैच कर दिया, जबकि संबंधित आॅपरेटर को सेवा के अलग करने का निर्देश दिया है।
आवेदक ने रजिस्ट्रार को दिया था आवेदन
दरअसल, भिंड के रहने वाले आवेदक गोिवंद पुत्र रामहेत निवासी चतुर्वेदी नगर वार्ड 22 ने रजिस्ट्रार को आवेदन दिया था। इस आधार पर तहसीलदार/रजिस्ट्रार ने 5 मई को आदेश जारी किया कि मप्र जन्म व मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 1999 की कंडिका 9-3 के तहत निर्देश देने के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया है। प्रार्थना पत्र, शपथ पत्र, घोषणा पत्र अन्य दस्तावेज एवं नगर निगम का अनापत्त्िा पत्र पर आधारित है। इससे संतुष्ट हूं कि श्री भिंड, पिता का नाम भिंड, माता का नाम भिंड, मृत्यु स्थान भिंड, घर भिंड पर दिनांक 18 नवंबर 2018 को हुआ है। अत: आदेश द्वारा निर्देशित करता हूं कि भिंड पुत्र भिंड के मृत्यु को मृत्यु रजिस्टर में दर्ज किया जाए। बताते हैं कि आदेश जारी होने के बाद यह पत्र वायरल हो गया। इसकी जानकारी जैसे ही वरिष्ठ अधिकारियों को हुई, इसके बाद इस पर तत्काल कार्रवाई की गई।
यह होना चाहिए था, यह हो गया
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि इस तरह का गैर जिम्म्ोदाराना आदेश जारी करने पर तहसीलदार को लैंड रिकॉर्ड में अटैच किया गया है। जबकि ग़लत नाम भरने वाले ऑपरेटर को सेवा से पृथक करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं है, बल्कि मृत्यु पंजीयन में विलम्ब माफ करने के लिए पंजीयक को लिखा गया पत्र है। यह वस्तुत: अस्पताल को लिखा गया था, जो गलत होने पर पंजीयक को गलती इंगित कर लौटाना चाहिए था। किंतु ऐसा नहीं किया गया। इस मामले में प्रथम दृष्टया तहसीलदार की गलती मानी गई है। कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।