अहमदाबाद– गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एयर इंडिया की इस फ्लाइट में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई। इस भयावह त्रासदी में सिर्फ एक शख्स की जान बची – 40 वर्षीय रमेश विश्वास कुमार, जो भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं।
चमत्कार जैसी बचाव की कहानी:
रमेश का जीवित बचना किसी करिश्मे से कम नहीं है। चश्मदीदों ने जब उन्हें विमान के मलबे से खुद बाहर निकलते देखा, तो पहले किसी को यकीन नहीं हुआ। उनके शरीर पर चोटें थीं, चेहरे पर घाव थे और वे लंगड़ाते हुए बाहर आए। रमेश ने बताया कि हादसे के समय मुझे लगा कि मैं भी मरने वाला हूं।
उनके शब्दों में:
रमेश ने बताया कि “टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद जोरदार आवाज आई, और सब कुछ कांपने लगा। हम सब चिल्लाने लगे। जब होश आया तो मैं खुद को लाशों के बीच पाया। चारों ओर मलबा और आग थी। मेरी सीट बेल्ट खुली और मैं किसी तरह बाहर निकल सका। लोग मुझे देखकर चौंक गए और फिर एंबुलेंस में बिठाया गया।”
सीट नंबर 11A बना जिंदगी की डोर:
रमेश विमान में सीट नंबर 11A पर बैठे थे। उन्होंने बताया कि जिस हिस्से में वे बैठे थे, वह फ्लाइट के क्रैश के दौरान एक हॉस्टल की ग्राउंड फ्लोर पर गिरा, जहां थोड़ी सी खुली जगह थी। यही स्पेस उनकी जान बचाने में मददगार साबित हुआ। हादसे के वक्त उनके बाएं हाथ में जलन हुई, लेकिन वे चलने में सक्षम थे और खुद मलबे से बाहर निकल आए।
प्रधानमंत्री ने की मुलाकात:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रमेश विश्वास से मुलाकात कर उनके साहस की सराहना की। रमेश ने बताया कि हादसे के वक्त उन्हें कुछ सेकंड के लिए ऐसा लगा जैसे विमान जम गया हो और फिर एक पल में सबकुछ खत्म हो गया। उन्होंने बताया कि वे और उनके भाई अशोक हाल ही में दीव की यात्रा से लौट रहे थे। लेकिन इस हादसे में उनका भाई अब तक लापता है।
वायरल हुआ वीडियो:
रमेश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वे खून से लथपथ चेहरे के साथ मलबे से निकलते नजर आते हैं। उन्होंने बताया कि वे पिछले 20 सालों से लंदन में रह रहे हैं और हाल ही में भारत आए थे।