PM Modi in Khajuraho : मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड को एक बड़ी सौगात मिलने वाली है और ये सौगात देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देने वाले है। पीएम मोदी 25 दिसंबर को खुजराहों मं केन बेतव लिंक परियोजना का शुभारंभ करेंगे। पीएम मोदी के आगमन को लेकर शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। वही पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए तगड़े इंतजाम किए जा रहे है। कार्यक्रम से पहले भाजपा नेताओं और प्रशासन के आला अधिकारियों ने डेरा डाल के रखा है। सीएम मोहन यादव भी 24 दिसंबर की रात की शाम को खजुराहो पहुंच रहे है, वे यहां कार्यक्रम स्थल का जायजा लेंगे और रात्री विश्राम खजुराहो में ही करेंगे।
मोदी बदलेंगे बुंदेलखंड की तस्वीर
पीएम मोदी 25 दिसंबर को खजुराहों में केन बेतवा लिंक परियोजना का शुभारंभ करेंगे। इस परियोजना की लागत 44 हजार 605 करोड़ रुपये है। प्रदेश सरकार की इस परियोजना से एमपी और यूपी के करीब 11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र और किसानों को सिंचाई सबंधी सुविधा का लाभ मिलेगा। हर खेत और हर घर तक पानी पहुंचेगा। यह परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को पूरा करेगा। 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती है। प्रधानमंत्री मोदी की इस परियोजना के उद्घाटन से न सिर्फ बुंदेलखंड वरन पूरे मध्य प्रदेश की तस्वीर बदल जाएगी। विकास की नई ऊंचाइयों को छूने की सूरत में यह परियोजना एक मील का पत्थर साबित होगी।
12 बजे खजुराहो पहुंचेगे पीएम मोदी
अटल बिहार वाजपेयी की 100 जयंती के मौके पर केन बेतवा लिंक परियोजना का शुभारंभ करने के लिए पीएम मोदी दोपहर 12 बजे करीब खजुराहो मेला ग्राउंड पहुचंगे। पीएम मोदी खजुराहो एयरपोर्ट से बमीठा, बस्ती चौक होते हुए पहुंचेंगे।
सीएम योगी होंगे कार्यक्रम में शामिल
पीएम मोदी के आगमन को लेकर बीजेपी ने हजारों किसानों को आमंत्रण भेजा है। किसानों को बैठने के लिए कार्यक्रम स्थल पर खास व्यवस्था की गई है। राज्य और केन्द्र सरकार के इस खास कार्यक्रम में मोदी सरकार के कई केन्द्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री मोहन यादव, प्रदेश सरकार के कई मंत्री और सासंद के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।
क्यों खास है केन बेतवा लिंक परियोजना
केन बेतवा लिंक परियोजना, जो मध्य प्रदेश से शुरू हो रही है, बुंदेलखंड में व्यापक विकास का अवसर प्रदान करेगी। इससे बेरोजगारी कम होगी और क्षेत्र में औद्योगिक संभावनाएँ बढ़ेंगी। इस परियोजना से पिछड़े बुंदेलखंड के लिए विशिष्ट लाभ देखने को मिल सकता है, सिंचाई क्षेत्र में विस्तार होगा और विद्युत उत्पादन भी शुरू होगा। इस लिंक परियोजना से जल संरक्षण एवं जल प्रबंधन के उपाय भी लागू किए जाएंगे, जो कि जल संकट को कम करने में मददगार साबित होंगे।