नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले को लेकर पीएम मोदी ने बड़ा फैसला लिया है। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शख्त कदम उठाया है। उन्होंने बुधवार को कैबिनेट मीटिंग में सुरक्षा मामलों कड़े फैसले लिए हैं। दरअसल पीएम मोदी ने अटारी बॉर्डर और पाकिस्तान दूतावास को बंद करने का निर्णय लिया है। वहीं भारत ने सिंधु जल समझौते को भी रोक दिया है। इसके अलावा आज गुरुवार को भी केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बतादें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में 27 लोगों की मौत हुई है।
सरकार की रणनीति पर विचार-विमर्श :
जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को स्थिति का जायजा लेने और सरकार की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की बैठक की। इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित और वरिष्ठ नौकरशाह शामिल हुए थे। वहीं इस बीच प्रधानमंत्री को हमले के बारे में शाह ने जानकारी दी और इस घटना के बाद उठाए गए सभी कदमों पर विशेष चर्चा की है।
दिग्गज नेता रहे उपस्थित:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी सीसीएस का हिस्सा हैं लेकिन वह बैठक में शामिल नहीं हो सकीं, क्योंकि वह देश में नहीं है। बैठक में कैबिनेट सचिव टी वी सोमनाथन, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री के अलावा प्रधानमंत्री के दो प्रधान सचिव पी के मिश्रा और शक्तिकांत दास भी उपस्थित थे।
सिंधु जल समझौता पर रोक :
भारत और पाक के बीच साल 1960 में हुए सिंधु जल समझौता को स्थगित रखने का निर्णय लिया है।पाकिस्तान की लाइफ सिंधु और उसे इसके सहायक नदियों के पानी पर अब हिंदुस्तान का नियंत्रण होगा जिससे यहां के लोग पानी के लिए तरस जाएंगे।सिंधु और सहायक नदियां चार देशों से गुजरती है। इतना ही नहीं 21 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या की जल जरूरतों की पूर्ति इन्हीं नदियों पर निर्भर करती है। भारत के उपयोग के बाद बचा हुआ पानी पाकिस्तान चला जाता है, और पश्चिमी नदियां जैसे चिनाब झेलम और सिंधु का लगभग 135 मिलियन एकड़ फीट वार्षिक जल पाकिस्तान को भी आवंटित किए गए हैं।
इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी बंद होगा:
इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है। वैध अनुमति के साथ जो लोग इस रास्ते से भारत आए हैं। वे 1 मई से पहले इसी रास्ते से वापस जा सकते हैं। अबतक भारत से जो छोटे-छोटे सामानों की आवाजाही भारत से होती थी वह भी पूरी तरह से बंद हो जाएगी।
पाक नागरिकों के लिए वीजा पाबंदी:
भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर दिया है। पाकिस्तानी नागरिकों को अब एसएएआरसी वीजा छूट योजना के तहत भारत यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी। पहले जारी सभी एसवीईएस वीजा निरस्त माने जाएंगे। किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ना होगा।
रक्षा सलाहकारों को देश छोड़ने का आदेश:
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में नौसेना, वायुसेना सलाहकारों और रक्षा-सेना को पर्सोना नॉन काटा घोषित कर दिया है। इतन नहीं अब उन्हें भारत छोड़ने के लिए सिर्फ एक हफ्ते का वक्त दिया है। वहीं भारत भी इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से रक्षा, वायुसेना सलाहकारों और नौसेना को वापस बुलाएगा।
उच्चायोग कर्मचारियों में कटौती का फैसला:
दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का फैसला लिया गया है। ये फैसला 1 मई तक लागू किया जाएगा। पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को निष्कासित करना और भारत के रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाना दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर ला देगा।