चांदी, सदियों से अपनी चमक और बहुमूल्यता के लिए जानी जाती रही है, ज्योतिष शास्त्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह रजत, सोम या चंद्र नाम से भी जानी जाती है, और चंद्रमा और शुक्र ग्रह से संबंधित मानी जाती है। ज्योतिष विद्या में चांदी धारण करने का विशेष महत्व है, और विभिन्न राशियों पर इसका प्रभाव भिन्न-भिन्न होता है।
चांदी धारण करने के ज्योतिषीय लाभ:
मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन: चांदी को चंद्रमा ग्रह का धातु माना जाता है, जो मन, भावनाओं और अंतर्ज्ञान से जुड़ा होता है। चांदी धारण करने से चंद्रमा ग्रह मजबूत होता है, जिसके फलस्वरूप मानसिक शांति प्राप्त होती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, और भावनात्मक संतुलन बना रहता है।
समृद्धि और वैभव: चांदी को शुक्र ग्रह का भी धातु माना जाता है, जो भौतिक सुख, समृद्धि, विलासिता और सौंदर्य का कारक ग्रह है। चांदी धारण करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है, जिसके फलस्वरूप धन, वैभव और भौतिक सुखों में वृद्धि होती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि:
चांदी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक मानी जाती है। यह माना जाता है कि चांदी शरीर में रजत तत्वों को बढ़ाती है, जो रोगों से लड़ने में सहायक होते हैं।
सौंदर्य वृद्धि: चांदी को त्वचा के लिए लाभदायक माना जाता है। यह मुंहासों, दाग-धब्बों को कम करने और त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करती है।
कौन सी राशियां चांदी धारण कर सकती हैं?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कर्क, मकर, वृषभ, तुला, मीन और कन्या राशि के जातकों के लिए चांदी धारण करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इन राशियों के जातकों पर चांदी का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उन्हें इसके कई लाभ प्राप्त होते हैं।
मेष, सिंह और धनु राशि के जातकों को चांदी धारण करने से बचना चाहिए।