रतलाम : मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री अक्सर अपने बयानों को लेकर सुखियों में रहते है। इसी कड़ी में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने रतलाम में हिन्दुओ को बुज़दिली छोड़ने की सलाह देते हुए कहा कि अगर बुज़दिली नहीं छोड़ी तो भागते रहोगे, लूटते रहोगे, पीटते रहोगे। इसके साथ ही शास्त्री ने हरे रंग वालों को नसीहत देते हुए कहा कि कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।
दिव्य आशीर्वचन कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री हुए शामिल
दरअसल, पंडित धीरेंद्र शास्त्री रतलाम में दिव्य आशीर्वचन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। जहां उन्होंने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही, साथ ही कहा कि हिंदू राष्ट्र का जो झंडा निकलेगा वह मध्य प्रदेश के रतलाम से निकलेगा। शास्त्री ने आगे कहा कि हमने सुना है कि यहां पर भी हरे रंग वाले है। उनसे बोल देना कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।
रतलाम में हरा रंग बहुत बढ़ता जा रहा
रतलाम में हरे रंग को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमें रंगों से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन कायदे में रहेंगे तो फायदे में रहेंगे। अगर भारत को पाकिस्तान बनाने की कोशिश की जाएगी तो ठठरी और गठरी दोनों बांध दी जाएगी। मैं बरसों से सुन रहा था कि रतलाम में हरा रंग बहुत बढ़ता जा रहा है, तो यहां मेरा आना भी जरूरी था। हमें मुस्लमान से नफरत नहीं है।
वर्तमान समय भागने का नही जागने का है
मुर्शिदाबाद की हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए पंडित जी ने कहा कि एक प्रकार से हिंदूओं के खिलाफ मॉब लिंचिंग की जा रही है। हिंदुओं को डराने का काम किया जा रहा है। भारत से भी भागना पड़ेगा, इसलिए हम जगाने का काम कर रहे है। क्योकि भगनेसे कुछ नहीं होगा। पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लग जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि वहां पर जिस तरह से हिंदू पलायन कर रहे हैं, कश्मीर से भागे असम से भागे और अब इसके बाद पश्चिम बंगाल से भी भगाए जा रहे हैं हमें एक रहना होगा।
पराई औरत छोड़ने का दिलवाया संकल्प
शास्त्री ने आगे कहा कि जो पश्चिम बंगाल में हुआ वह मध्यप्रदेश में भी होगा, रतलाम मे भी होगा, तुम्हारे घर में भी होगा तुम्हारे मोहल्ले में भी होगा। वर्तमान समय भगाने का नहीं जागने का है। बुज़दिली नहीं छोड़ी तो भागते रहोगे लूटते रहोगे ,पीटते रहोगे। इसके साथ ही पंडित जी ने रतलाम मे भक्तो को नशा, नींद और पराई औरत छोड़ने का संकल्प दिलवाया।