52 Shaktipeeths 28 Nandipur Shaktipeeth: माता सती के भारत में लगभग 52 शक्तिपीठ हैं, इन्हें में से एक पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिला के समीप सैंथिया में स्थित नंदीपुर शक्तिपीठ है, जहाँ माता सती के शरीर का कोई अंग नहीं बल्कि उनका हार गिरा था। यहां देवी नंदिनी के रूप में माता और नंदकिशोर स्वरूप में शिव की पूजा होती है। इसी वजह से शक्तिपीठ को नंदिकेश्वरी कहा जाता है।
मंदिर का निर्माण:
नंदिकेश्वरी नाम का एक और कारण भगवान शिव के वाहन नंदी के वजह से भी कहा जाता है. नंदिकेश्वर मंदिर कोलकाता से 220 किमी. की रुसी पर स्थित है। इस मंदिर को 1320 ई. में निर्मित किया गया था, जहाँ पर नंदकिशोर और देवी नंदिनी की दो मूर्तियां मौजूद हैं। लेकिन मुख्य मूर्ति को काले-लाल पत्थर से बानाया गया है।
बरगद का पेड़ पूरी करती है मनोकामना:
जिसे तीन स्वर्ण नेत्रों और चांदी के मुकुट से सुशोभित किया गया है। वहीं इस मंदिर के अंदर शिव मंदिर, राम-सीता मंदिर, महा लक्ष्मी-गणेश मंदिर और महा सरस्वती मंदिर आदि बहुत से मंदिर है। इन सब के अलावा यहाँ एक पवित्र विशाल बरगद का एक पेड़ है, जहाँ पर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए भक्त भक्त पीले और लाल धागे बांधते हैं। इसके साथ ही दोपहर में माता को अन्न-भोग चढ़ाया जाता है।
ऐसे पहुंचे मंदिर:
ये शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के कस्बे नंदीपुर गांव में स्थित है। नंदीपुर कोलकाता एयरपोर्ट से 193 किमी दूर है। यहां जाने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन से ट्रेन ले सकते हैं.