भोपाल। एक ठग ने फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टर बनकर झेलम एक्सप्रेस में पुणे से इटारसी तक टीटीई स्टाफ से खूब खातिरदारी कराई। इसके बाद ट्रेन में चेकिंग कर यात्रियों व पेट्रीकार संचालक से जुर्माना वसूला। ट्रेन के इटारसी पहुंचने पर यहां से ट्रेन ले जा रहे ग्वालियर स्टेशन में पदस्थ डिप्टी सीटीआई देवेंद्र श्रीवास्तव को शक होने पर फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टर से पूछताछ की, युवक आई कार्ड सहित अन्य दस्तावेज मांगने पर नहीं दिखा सका, जिसके बाद सीटीआई ने यात्रियों की मदद से ठग को पकड़ लिया। ट्रेन के भोपाल स्टेशन पहुंचने पर आरपीएफ जीआरपी से आरोपी को गिरफ्तार करा दिया।
पुणे रेलवे स्टाफ को फटकार लगाकर करवाई खातिरदारी
रेलवे सूत्रों के अनुसार, झेलम एक्सप्रेस में पुणे से सवार सीपरी बाजार झांसी निवासी आशीष दुबे पिता राजकुमार दुबे नामक युवक एसी कोच में सवार हुआ। उसने ट्रेन में ड्यूटी कर टीटीई स्टाफ को अपना परिचय विजिलेंस इंस्पेक्टर के रूप में दिया। टीटीई को कुछ बातों को लेकर फटकार लगाकर अपनी खातिरदारी कराने लगा। इसके बाद टीटीई स्टाफ के साथ मिलकर पंेट्री व यात्रियों की चेकिंग कर वसूली करता रहा।
लोगों से दस हजार रुपए वसूले
पुणे टीटीई स्टाफ की ड्यूटी मनमाड़ स्टेशन तक थी। यहां से टीटीई स्टाफ के बदलने पर पुणे के टीटीई स्टाफ से मनमाड़ स्टाफ को अपने परिचय दिलाया। इसके बाद यहां से भी चेकिंग करता था। इस दौरान मनमाड से जम्मू जा रहे 59 सदस्यीय जैन समाज के लोगों को उचित टिकट न होने का बोलकर दस हजार रुपए वसूल लिए।
इटारसी स्टाफ को हुआ शकसवालों जवाब नहीं दे सका
ट्रेन के इटारसी पहुंचने पर टीटीई स्टाफ के बदलने पर यहां से ट्रेन ले जा रहे ग्वालियर स्टेशन पर पदस्थ डिप्टी सीटीआई देवेंद्र श्रीवास्तव को उसके हाव-भाव से कुछ शक हुआ। उन्होंने फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टर से आई कार्ड सहित अन्य दस्तावेज दिखाने को कहा। लेकिन वह दिखा नहीं सका। इस बीच ट्रेन मिसरोद स्टेशन से निकल रही थी। जिसके बाद सीटीआई ने यात्रियों की मदद से उसको पकड़ लिया। भोपाल आरपीएफ को सूचना देने के बाद उसको गिरफ्तार कर लिया। जिसको जीआरपी भोपाल को सौंप दिया। वहीं यात्रियों ने बीना जीआरपी थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद जीआरपी पुलिस द्वारा फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टर आशीष दुबे व केस डायरी मनमाड जीआरपी को सौंप दी।