Minister Rakesh Singh Report Card : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार के लोक निर्माण कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने गुरूवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना रिपोर्ट कार्ड पेश किया। मंत्री राकेश सिंह ने मध्यप्रदेश में सड़क, भवन और आधारभूत संरचना विकास को लेकर सरकार की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश में कई बड़ी फ्लैगशिप परियोजनाएं पूरी की गई हैं, जिससे यातायात, शिक्षा, स्वास्थ्य और न्यायिक ढांचे को मजबूती मिली है।
दो वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां
मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि जबलपुर में दमोह नाका–रानीताल–मदन महल चौक से मेडिकल रोड तक 7 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण 1,238 करोड़ रूपए की लागत से पूरा किया गया है। राजधानी भोपाल में डॉ. भीमराव अंबेडकर फ्लाईओवर 153 करोड़ रूपए में बनकर तैयार हुआ है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी 6-लेन कोलार रोड का निर्माण 305 करोड़ रूपए की लागत से पूर्ण किया गया।
मंत्री राकेश सिंह ने आगे बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में नीमच, मंदसौर और सिवनी में नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण 889 करोड़ रूपए की लागत से किया गया। वहीं ग्वालियर और रीवा में आधुनिक न्यायालय भवन 194 करोड़ रूपए की लागत से तैयार किए गए हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त करने के लिए प्रदेश में 136 नए स्कूल भवन 2,240 करोड़ रूपए और 177 स्वास्थ्य केंद्र 726 करोड़ रूपए की लागत से बनाए गए हैं।
वर्तमान में चल रही बड़ी परियोजनाएं
ग्वालियर में 13 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर 1,064 करोड़ रूपए की लागत से बन रहा है।
भोपाल में 2.6 किमी का एलिवेटेड कॉरिडोर 215 करोड़ रूपए में निर्माणाधीन है।
नर्मदापुरम में तवा नदी पर उच्चस्तरीय पुल 89 करोड़ रूपए की लागत से बनाया जा रहा है।
इंदौर में 7.45 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर 350 करोड़ रूपए में निर्माणाधीन है।
इसके अलावा प्रदेशभर में 111 रेलवे ओवरब्रिज 3,903 करोड़ रूपए की लागत से बनाए जा रहे हैं।
उज्जैन–जावरा एक्सप्रेस-वे 5,017 करोड़ रूपए और इंदौर–उज्जैन सिक्स लेन उन्नयन 1,692 करोड़ रूपए की लागत से प्रगति पर है।
नया इंदौर–उज्जैन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे 2,935 करोड़ रूपए में विकसित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
ADB और NDB के सहयोग से 6,746 करोड़ रूपए की लागत से 1,141 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
55 राष्ट्रीय राजमार्गों (989 किमी) का निर्माण 14,918 करोड़ रूपए की लागत से चल रहा है।
NHAI के साथ हुए एमओयू के तहत 28,000 करोड़ रूपए के कार्यों को स्वीकृति दी जा चुकी है।
भवन निर्माण और HAM मॉडल
छिंदवाड़ा, सीहोर, उज्जैन, छतरपुर, दमोह, राजगढ़ और मंडला में नए मेडिकल कॉलेज 3,146 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे हैं।
जबलपुर हाईकोर्ट और इंदौर के नए जिला न्यायालय का निर्माण 871 करोड़ रूपए की लागत से जारी है।
हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल के तहत 345 किमी लंबाई की 5 प्रमुख सड़क परियोजनाएं 12,676 करोड़ रूपए में स्वीकृत की गई हैं।
टाइगर कॉरिडोर और इको-टूरिज्म
मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां राज्य-स्तरीय मल्टी-नेशनल पार्क टाइगर कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। इसमें अंडरपास, स्लो ट्रैफिक जोन और वाइल्डलाइफ-फ्रेंडली डिजाइन अपनाई जाएगी, जिससे टाइगर मूवमेंट, पर्यटन और स्थानीय कनेक्टिविटी के बीच संतुलन बनेगा।
NHAI के साथ 1 लाख करोड़ रूपए का OMU
NHAI के साथ 1 लाख करोड़ रूपए का एमओयू साइन किया गया है, जिसमें से 28,000 करोड़ रूपए के प्रोजेक्ट स्वीकृत हो चुके हैं। इनमें आगरा–ग्वालियर सिक्स लेन, इंदौर रिंग रोड, उज्जैन–झालावाड़, जबलपुर–दमोह, सागर बायपास सहित कई प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं।
सिंहस्थ 2028 की तैयारी
उज्जैन सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग द्वारा 13,274 करोड़ रूपए की लागत से 64 निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। अन्य विभागों के कार्य अलग से संचालित हो रहे हैं। मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य मध्यप्रदेश में तेज, सुरक्षित और विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी विकसित करना है, जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।