Vijay Shah Controversy : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह हाल ही में अपने एक विवादित बयान को लेकर विवादों में घिर गए थे। उन्होंने भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद से उनके खिलाफ देशभर में प्रदर्शन देखने को मिला। करीब 8 दिन की चुप्पी और SIT के गठन के बाद अब विजय शाह ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है और अपनी बात को "भाषाई भूल" करार दिया है।
शाह ने अपने आधिकारिक लेटरहेड पर एक माफीनामा जारी करते हुए इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया है। उन्होंने लिखा कि, "जय हिंद। मैं कुछ दिनों पहले पहलगाम में हुए जघन्य हत्याकांड से बहुत व्यथित और आहत हूं। मेरे मन में हमेशा से राष्ट्र के प्रति गहरा प्रेम और भारतीय सेना के लिए अपार सम्मान रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे द्वारा उपयोग किए गए शब्दों से यदि किसी धर्म, समुदाय या देशवासी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए खेद प्रकट करता हूं। यह मेरी ओर से हुई एक भाषाई चूक थी। मेरा उद्देश्य किसी को भी अपमानित करने का नहीं था। मैं कर्नल सोफिया, भारतीय सेना और समस्त देशवासियों से दिल से क्षमा मांगता हूं।" इसके अलावा साथ में एक वीडियो भी पोस्ट किया है।
कैबिनेट बैठक में नहीं पहुंच शाह
आपको बता दें कि मंत्री शाह राज्य मंत्रिमंडल की हालिया कैबिनेट बैठक से भी अनुपस्थित रहे, जो 21 मई को इंदौर में आयोजित हुई थी। माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें इस बैठक से दूर रहने की सलाह दी थी ताकि विवाद और न बढ़े। यह भी बता दें कि 14 मई को जबलपुर हाईकोर्ट की पीठ ने मामले में संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश पुलिस के डीजीपी को मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। शाह ने 11 मई को महू के रायकुंडा गांव में आयोजित एक जनसभा में कथित तौर पर सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘आतंकवादियों की बहन’ कह दिया था, जिसके बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया।
एसआईटी का गठन
सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद डीजीपी कैलाश मकवाना ने 19 मई को SIT का गठन कर दिया। इस टीम में सागर जोन के आईजी प्रमोद वर्मा, विशेष सशस्त्र बल के डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और डिंडोरी की पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह को शामिल किया गया है। हालांकि हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में इस बात पर असंतोष जताया कि पुलिस द्वारा की गई एफआईआर की प्रक्रिया संतोषजनक नहीं थी।