रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। सरकार ने तय किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य के शासकीय विद्यालयों में "मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का संचालन किया जाएगा। इसके साथ ही औद्योगिक नीति में संशोधन किया जाएगा। इसके तहत अब राज्य में हाईटेक खेती को बढ़ावा देने की तैयारी है।
गुणवत्ता के आधार पर की जाएगी ग्रेडिंग :
बता दें कि इस अभियान के अंतर्गत शैक्षणिक उपलब्धियों को उन्नत करने, पालक-शिक्षक सहभागिता बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फोकस किया जाएगा। वहीं अभियान के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश किया जारी जाएगा। अभियान के तहत विद्यालयों का सामाजिक अंकेक्षण कर गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। कमजोर शालाओं की नियमित मॉनीटरिंग विभिन्न विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से होगी। मॉडल शालाओं का चयन कर कमजोर शालाओं के शिक्षकों को वहां शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा। पालक-शिक्षक बैठकों (पीटीएम) के माध्यम से अभिभावकों की सक्रिय सहभागिता सु निश्चित की जाएगी। विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों में वृद्धि के लिए कक्षा शिक्षण प्रक्रियाओं में सुधार किया जाएगा।
कलाकारों-साहित्यकारों की वित्तीय सहायता बढ़ी :
मंत्रिपरिषद ने साहित्य और कला के क्षेत्र में राज्य के अर्थाभावग्रस्त कलाकारों और साहित्यकारों के लिए एक बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। विधानसभा बजट सत्र में की गई घोषणा के परिपालन में अब कलाकारों को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता (पेंशन) को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसके लिए संस्कृति विभाग अंतर्गत संचालित वित्तीय सहायता योजना नियम-1986 में संशोधन के प्रस्ताव का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया। इससे उन कलाकारों और साहित्यकारों को आर्थिक संबल मिलेगा, जो आजीविका के लिए संघर्षरत हैं।
कुछ और फैसले:
वहीं अब से निवेश करने टेक्सटाइल सेक्टर में लगभग 200 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन राशि मिलेगा। लॉजिस्टिक हब बनेगा छत्तीसगढ़- नई लॉजिस्टिक नीति लाई जाएगी ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर को विशेष पैकेज इज आफ लिविंग को बढ़ावा देने न्यूनतम 500 विद्यार्थी क्षमता के कक्षा पहली से 12वीं निजी सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल एवं मल्टिप्लेक्स युक्त मिनी मॉल से वंचित प्रदेश के नगरीय क्षेत्र 500 विद्यार्थी क्षमता के कक्षा पहली से 12वीं निजी सीबीएसई मल्टिप्लेक्स युक्त मिनी मॉल और मान्यता प्राप्त स्कूल से वंचित प्रदेश के भिन्न विकासखण्ड मुख्यालय व नगरीय क्षेत्र में से 10 किलोमीटरके क्षेत्र में परिधि तक प्रथम तीन इकाई को शस्ट सेक्टर की भांति सम्मिलित किया जाएगा।
औद्योगिक नीति भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम में बदलाव:
प्रदेश में मंत्रिपरिषद द्वारा भूमि आबंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और औद्योगिक विकास को अधिक गति देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ भवन प्रबंधन नियम व औद्योगिक भूमि के लिए संशोधन के प्रस्ताव का 2015 में अनुमोदन किया गया। इस संशोधन से औद्योगिक क्षेत्रों, लैंड बैंक तथा अन्य भूमि खंडों के आबंटन की प्रक्रिया में और अधिक स्पष्टता व पारदर्शिता आएगी, जिससे भूमि आबंटन प्रक्रिया का लाभ उठाने और उसे बेहतर ढंग से समझने में औद्योगिक निवेशकों को सुविधा होगी।
शुरुआत में मिलते थे 150 से 600 रुपए:
यह योजना वर्ष 1986 में प्रारंभ की गई थी, तब न्यूनतम सहायता राशि 150 रुपये और अधिकतम 600 रुपये निर्धारित थी। बाद में वर्ष 2007 में इसे बढ़ाकर 1500 रुपये और फिर 2012 में 2000 रुपये किया गया, लेकिन पिछले 12 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई थी। वर्तमान में राज्य में कुल 162 कलाकारों को यह पेंशन दी जा रही है। वर्तमान में हर कलाकार को सालाना 24 हजार रुपये पेंशन मिल रही है, जो संशोधन के बाद बढ़कर 60 हजार रुपये हो जाएगी। इससे कुल वार्षिक व्यय 38.88 लाख रुपये से बढ़कर 97.20 लाख रुपये हो जाएगा,जिससे अतिरिक्त वार्षिक भार राज्य पर 58.32 लाख रुपये का पड़ेगा।
ट्रेनिंग और खेल की सुविधाएं:
राज्य में खेल अकादमी और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग और करियर के अवसर मिलेंगे। गुणवत्ता पूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा सर्विस सेंटर और आटोमोबाइल रिपेयरिंग को सभी विकासखण्ड समूहों में मान्य किए जाएंगे।
हाईटेक खेती और पर्यटन को बढ़ावा:
औद्योगिक नीति में बदलाव से अब हाइड्रोपोनिक और एयरोपोनिक जैसी आधुनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को नई तकनीक, जैसे ऑटोमेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स का फायदा मिलेगा। सरगुजा संभाग और बस्तर रिसॉर्ट व होटल बनाने के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा घटा दी है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, और इन इलाकों में पर्यटन बढ़ेगा।