रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में छापेमारी के दौरान नकदी और बैंक बैलेंस समेत लगभग ₹1.11 करोड़ मूल्य की चल संपत्ति जब्त की है. यह कार्रवाई कथित जिला खनिज निधि (डीएमएफ) घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है.
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के 4-4 ठिकानों पर पड़े छापे:
ईडी सूत्रों के अनुसार, यह मामला डीएमएफ ठेकेदारों पर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के अधिकारियों और “राजनीतिक अधिकारियों” के साथ मिलीभगत करके सार्वजनिक धन की हेराफेरी करने के आरोपों पर केंद्रित है. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शुक्रवार और शनिवार को की गई छापेमारी में दोनों राज्यों में चार स्थानों को निशाना बनाया गया.
चार स्थानों पर ईडी ने दी दबिश:
डीएमएफ खनिकों द्वारा वित्तपोषित एक ट्रस्ट है, जिसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खनन से संबंधित परियोजनाओं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए स्थापित किया गया है. एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज किए गए तीन मामलों के आधार पर अपनी जांच शुरू की. इन मामलों में राज्य सरकार के अधिकारियों और राजनीतिक हस्तियों के साथ मिलकर कुछ डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था, साथ ही डीएमएफ फंड के उपयोग में भ्रष्टाचार के दावे भी किए गए थे.
25 से 40 प्रतिशत कमीशन खोरी की जा रही थी:
ईडी की जांच में कथित तौर पर पता चला है कि कुछ ठेकेदारों ने अधिकारियों और राजनीतिक अधिकारियों को भारी कमीशन या अवैध रिश्वत दी, जो आमतौर पर अनुबंध के मूल्य का 25 से 40 प्रतिशत तक होता है. सूत्रों का सुझाव है कि इन रिश्वतों के लिए इस्तेमाल की गई नकदी विक्रेताओं द्वारा समायोजन प्रविष्टियों का उपयोग करके उत्पन्न की गई थी – दो संस्थाओं के बीच एक वित्तीय लेनदेन जहां एक संस्था अपने खातों में लेनदेन को रिकॉर्ड करती है ताकि दूसरे को समान राशि की नकदी और कमीशन मिल सके.
आठ बैंक खातों को फ्रीज, दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त:
एजेंसी की तलाशी कुछ प्रविष्टि प्रदाताओं और उनके संरक्षकों पर केंद्रित थी, जिसमें कई आपत्तिजनक विवरण, कई नकली स्वामित्व वाली संस्थाएँ और महत्वपूर्ण नकदी होल्डिंग्स का पता चला. ऑपरेशन के परिणामस्वरूप 76.50 लाख रुपये नकद जब्त किए गए और प्रविष्टि प्रदाता फर्मों से संबंधित आठ बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया, जिसमें कुल मिलाकर लगभग 35 लाख रुपये की राशि थी.