रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण (Rationalization) की प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने का आदेश जारी किया गया है। विभाग के सचिव द्वारा सोमवार को यह निर्देश दिया गया कि पहले की तरह स्कूलों के युक्तिकरण के बाद शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। हालांकि, एक बार फिर इस आदेश को लेकर संयुक्त शिक्षक संघ ने तीव्र आपत्ति जताई है और इसे शिक्षकों के हित के खिलाफ बताया है।
पूर्व में विरोध के चलते रुकी थी प्रक्रिया:
गौरतलब है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पहले भी प्रारंभ किया गया था, लेकिन संयुक्त शिक्षक संघ के विरोध और सरकार से हुई चर्चाओं के बाद इसे बीच में ही रोक दिया गया था। उस दौरान सरकार ने आश्वासन दिया था कि जिन प्रावधानों से शिक्षकों को नुकसान हो सकता है, उन्हें हटाया जाएगा। लेकिन इस बार भी वही प्रावधान यथावत लागू किए गए हैं, जिससे संघ ने फिर से विरोध जताया है।
संघ की मांग – पहले लंबित पदोन्नतियाँ, फिर युक्तिकरण:
संघ के प्रताध्यक्ष केदार जैन एवं प्रांतीय पदाधिकारियों – ममता खालसा, ओमप्रकाश बघेल, अर्जुन रत्नाकर, सहित अन्य सदस्यों ने सरकार से स्पष्ट मांग की है कि विभाग में प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक और शिक्षक पदों पर लंबित पदोन्नतियों की प्रक्रिया पहले पूरी की जाए। उसके बाद ही युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई शुरू की जाए, ताकि शिक्षकों के हितों को नुकसान न पहुंचे।
संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया स्वीकृत सेटअप और शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के अनुसार ही की जानी चाहिए। यदि प्रक्रिया निर्धारित मानकों के विपरीत हुई, तो इससे हजारों शिक्षक ‘अतिशेष’ की श्रेणी में आ जाएंगे और शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
अन्याय हुआ तो होगा बड़ा आंदोलन: संघ:
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि युक्तियुक्तकरण के नाम पर शिक्षकों के साथ कोई अन्याय या मनमानी की जाती है, तो वे धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस संबंध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री और शिक्षा सचिव को भी सौंपा गया है।