भोपाल। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अब ड्रेस कोड लागू करने के लिए प्रमुखता से विचार किया जा रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री से लेकर कॉलेज प्रबंधन तक इसके पक्ष में दिख रहे हैं। वहीं, प्रमुख छात्र संगठनों ने भी कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने को लेकर एक स्वर में समर्थन दिया है। दोनों प्रमुख छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और एनएसयूआई (National Student Union of India) के पदाधिकारियों ने कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने पर समर्थन दिया है।
एबीवीपी के महानगर सहमंत्री शिवम जाट का कहना है कि कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने को लेकर एबीपीवी पहले ही इसके पक्ष में है। इसके लिए संगठन का समर्थन रहा है। इससे कॉलेजों में छात्र छात्राओं के बीच एकरूपता के साथ अनुशासन का भाव बढ़ेगा। वहीं, एनएसयूआई के (बीयू एनएसयूआई अध्यक्ष) विकास ठाकुर का कहना है कि कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने के लिए संगठन का पूरा समर्थन है। इससे छात्र छात्राओं के बीच किसी प्रकार का भेवभाव न होकर एकरुपता आएगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
कई बच्चे नहीं पहनते यूनीफार्म
राजधानी के ज्यादातर सरकारी कॉलेजों में वर्तमान में यूनीफार्म लागू है, लेकिन उसका कड़ाई से पालन नहीं होने से विद्यार्थी अन्य ड्रेस में कॉलेज आते दिखते हैं। वर्तमान में शहर के नूतन कॉलेज, गीतांजलि कॉलेज, एमएलबी और शासकीय बाबूलाल गौर महाविद्यालय सहित लगभग सभी सरकारी कॉलेजों में यूनीफार्म लागू है, लेकिन कुछ विद्यार्थी ही यूनीफार्म में दिखाई देते हैं।
छात्रों के बीच एकता दिखाई देगी
मध्य प्रदेश के कॉलेजों में जल्द ही ड्रेस कोड लागू होने वाला है। उच्च शिक्षा विभाग के इस फैसले का विद्यार्थी परिषद का पूरा समर्थन और स्वागत करती है। ड्रेस कोड लागू होने से छात्रों के बीच एकता दिखाई देगी एवं अमीरी-गरीबी, धर्म का भेदभाव खत्म होगा, क्योंकि ड्रेस कोड से महाविद्यालय में अनुशासन का पालन होगा। जैसा कि सभी को पता है महाविद्यालयों में बाहरी असामाजिक तत्व बड़ी संख्या में आना-जाना करते हैं, उससे छात्रों और प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ड्रेस कोड होने पर उनकी पहचान हो सकेगी और उस पर नियंत्रण पा सकेंगे।
शिवम जाट, महानगर सहमंत्री, एबीवीपी
विद्यार्थियों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा
कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने के लिए एनएसयूआई का पूरा समर्थन है। इससे छात्र छात्राओं के बीच किसी प्रकार का भेवभाव न होकर एकरूपता आएगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने की दिशा में कार्य किया जा सकेगा। ड्रेस कोड से अनुशासन के साथ कॉलेजों में असामाजिक तत्वों पर भी अंकुश लगेगा।
विकास ठाकुर, एनएसयूआई (बीयू अध्यक्ष)
अधिकांश कॉलेजों में लागू है यूनीफार्म
वर्तमान में ज्यादातर कॉलेजों में यूनीफार्म लागू है, लेकिन उसका पालन नहीं होने से विद्यार्थी कॉलेज में अपनी मनमर्जी से ड्रेस पहनकर आते हैं। इसमें जींस, टी शर्ट का चलन आम दिखता है। अब प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में छात्र-छात्राएं जींस-टीशर्ट पहनकर नहीं जा सकेंगे। स्टूडेंट्स को अब केवल यूनीफार्म में ही कॉलेज जाना होगा। प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने इसी सत्र से सरकारी कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज प्रबंधन को यूनिफार्म चयन की जिम्मेदारी दी है। ड्रेस कोड के तहत छात्र-छात्राएं पेंट-शर्ट और छात्राएं सलवार-कुर्ता पहनकर आएंगी। शिक्षा विभाग का कहना है कि कॉलेज में यूनीफार्म होने से छात्र-छात्राओं के बीच एकरूपता और समानता की भावना पैदा होगी। वहीं गरीब-अमीर और धर्म जाति का भेद नहीं रहेगा। साथ ही छात्रों के दिमाग में शिक्षा के प्रति ज्यादा रुचि पैदा होगी।