देहरादून। चारधाम यात्रा 2025 में केदारनाथ धाम की ओर बढ़ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और पशु कल्याण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बड़ी पहल की है। अब खच्चरों और घोड़ों को केवल पशु चिकित्सा जांच के बाद ही केदारनाथ की ओर भेजा जाएगा। इस नई व्यवस्था को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत के दिशा-निर्देशों पर लागू किया गया है।
खच्चर-घोड़ों की होगी अनिवार्य जांच:
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यात्रा मार्ग पर चलने वाले सभी खच्चर और घोड़े पूरी तरह स्वस्थ और यात्रा के योग्य होने चाहिए। इसके लिए तीन प्रमुख स्थानों – भीमबली, लिनचोली और रुद्रापॉइन्ट – पर पशु चिकित्सा विभाग की टीमें तैनात की गई हैं। ये टीमें हर पशु की जांच कर सिर्फ स्वस्थ पाए गए जानवरों को ही यात्रा में भाग लेने की अनुमति देंगी। इस कार्य में मल्टी टास्किंग फोर्स (MTF) और पुलिस विभाग की भी सक्रिय भूमिका रहेगी ताकि व्यवस्था सुचारु और पारदर्शी बनी रहे।
ट्रायल शुरू, यात्रा मार्ग पर सख्ती बढ़ी:
इस नई व्यवस्था का ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है। ट्रायल के तहत दो पूरी तरह स्वस्थ घोड़ों को जांच के बाद केदारनाथ भेजा गया। प्रशासन की योजना है कि यात्रा के दौरान हर पशुपालक यह सुनिश्चित करे कि उनके खच्चर और घोड़े तय मानकों के अनुरूप हों, और निर्धारित जांच स्थलों पर अनिवार्य जांच कराएं।
श्रद्धालुओं के लिए भी मेडिकल सुविधा मजबूत:
केदारनाथ यात्रा 2025 में अब तक 1,69,942 से अधिक श्रद्धालु भगवान केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए डीएम सौरभ गहरवार के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं को विशेष रूप से सुदृढ़ किया गया है। यात्रियों की सेवा में 90 डॉक्टर, 240 पैरामेडिकल स्टाफ, 20 एम्बुलेंस, 18 विशेषज्ञ डॉक्टर पूरे यात्रा मार्ग पर तैनात हैं।