भोपाल। मेट्रो कंपनी द्वारा सुभाष नगर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक काफी तेज गति से काम शुरू किया गया। इस कारण कई खामियां सामने आईं, जिसमें से अधिकतर सुधार ली गईं, लेकिन कई खामियों को सुधारने का काम अब शुरू किया गया है। बायडक्ट बनते समय बेयरिंग आदि कमियों को इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के लोगों ने पकड़कर उसी समय सुधरवा लिया था। क्योंकि जो कंपनी यह काम कर रही थी, उसे अनुभव नहीं था।
इसके बाद गायत्री मंदिर से लेकर एमपी नगर तक के बने मेट्रो स्टेशन और उसके नीचे की बनी सड़क के बीच की ऊंचाई कम होने का मामला सामने आया। इस ऊंचाई को ठीक करने के लिए अब स्टेशन के नीचे की सड़क को खोदा जा रहा है। सबसे ज्यादा समस्या बोर्ड ऑफिस मेट्रो स्टेशन और जीजी फ्लाईओवर के नीचे बनी सड़क पर आ रही है। यहां वाहन चालकों को अपना रास्ता बदलना पड़ रहा है। वहीं, प्रगति पेट्रोल पंप के पास बने एमपी नगर मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क को खोदा जा रहा है, जिससे वहां ट्राले या डंपर न फसें।
भोपाल मेट्रो का एमपी नगर जोन 2 के पास बना हुआ मेट्रो स्टेशन गलत इंजीनियरिंग को लेकर काफी समय से चर्चा में में बना हुआ था। यहां पहले से पास नक्शे के आधार पर मेट्रो स्टेशन तो बना दिया, लेकिन बाद में पता चला कि मेट्रो स्टेशन के नीचे से गुजर रही सड़क पर से बड़े ट्रॉले और कंटेनर जैसे बड़े वाहन फंस सकते हैं। बड़े वाहनों को मेट्रो स्टेशन से नीचे से निकलने की पर्याप्त जगह नहीं दी गई।
अन्य मेट्रो स्टेशन की ऊंचाई में अंतर
राजधानी में बने अन्य मेट्रो स्टेशनों की सड़क से ऊंचाई 5.5 मीटर है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते यहां ऊंचाई 4.5 मीटर ही रह गई। इसके बाद इंजीनियरों ने दिमाग लगाया और सड़क को ही नीचे करने का रास्ता खोजा। इस खामी को दूर करने के लिए मेट्रो स्टेशन के नीचे पहले से ही बनी सड़क की खुदाई शुरू कर दी गई है। यहां सड़क को लगभग 4 फीट तक खोद दिया गया है। अब रोड डिसेंटीफिकेशन का काम जारी है। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि निर्माता कंपनी को ही रोड और स्टेशन क्लीयर करके देनी है।
अब सभी स्टेशन की हो रही है जांच
मेट्रो कंपनी के ठेकेदार यह भी पता लगा रहे हैं कि ऐसी समस्या एमपी नगर व बोर्ड ऑफिस के मेट्रो स्टेशन पर ही है या किसी और स्टेशन पर भी रोड रिस्ट्रिफिकेशन का काम किया जाना है। क्योंकि, इस स्टेशन से महज 2 किमी दूर एसबीआई की सेंट्रल ब्रांच के पास बने स्टेशन पर भी पहले से मौजूद सड़क को नीचे की तरफ लगभग 2 से 3 फीट तक खोदा गया है। वहां भी ऐसा ही कंस्ट्रक्शन जारी है।