रायपुर : एचएसआरपी लगाने वाली कंपनियों के साथ परिवहन विभाग के अफसरों की बैठक में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने में तेजी लाने जारी किए गए फरमान की धज्जियां उड़ रही हैं। बैठक के बाद भी एचएसआरपी लगाने वाली कंपनी मैनपॉवर नहीं बढ़ा पाई है, इस वजह से लोगों के अप्रैल 2019 के पूर्व के वाहनों में एचएसआरपी लगाने में देर हो रही है। वर्तमान स्थिति ऐसी है कि कई वाहन चालक दो माह पूर्व एचएसआरपी लगाने आवेदन दिए हैं, बावजूद इसके उन वाहन मालिकों के वाहन में अब तक एचएसआरपी नहीं लग पाई है। इनमें ज्यादातर ऐसे वाहन स्वामी हैं, जिन लोगों ने किसी समूह के माध्यम से एचएसआरपी लगाने रजिस्ट्रेशन कराया था।
5 हजार के करीब वाहनों में एचएसआरपी :
एचएसआरपी लगाने 15 अप्रैल तक की मियाद तय की गई थी। तय मियाद के अनुसार अब तक राजधानी के साथ प्रदेश के महज 20 से 25 प्रतिशत वाहनों में एचएसआरपी नंबर प्लेट लग पाई हैं। रायपुर जिले में अब तक 35 हजार के करीब वाहनों में एचएसआरपी लगाई गई हैं। नंबर प्लेट लगाने पहले की तुलना में आवेदन करने वालों की संख्या बढ़ गई है। एचएसआरपी लगाने जिस अनुपात में आवेदन आ रहे हैं, उस अनुपात में नंबर प्लेट नहीं लगाई जा रही हैं।
प्लेट बनाने मशीन की संख्या बढ़ाई गई :
परिवहन विभाग का दवाव बढ़ने के बाद एचएसआरपी बनाने वाली एजेंसी ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने मशीनों की संख्या तो बढ़ा दी है, लेकिन मैनपॉवर अब तक नहीं बढ़ाया है। इस वजह से एचएसआरपी लगाने में देर हो रही है। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने काउंटर की संख्या भी बढ़ाई गई है। बावजूद इसके प्लेट लगाने में विलंब हो रहा है।
दो महीने से ज्यादा बीता, नहीं लग पाई एचएसआरपी:
दो माह पूर्व जहां कैंप लगाए गए थे, वहां वाहन मालिकों ने एचएसआरपी लगवाने रजिस्ट्रेशन कराए थे, उनमें के कई ऐसे हैं, जिनको 15 दिन बाद एचएसआरपी लगाने समय दिया गया था। उनमें से कई वाहन मालिक ऐसे हैं, जिनके वाहन में डेढ़ दो माह बाद भी एचएसआरपी नंबर प्लेट नहीं लग पाई है। बताया जा रहा है कि सेंटरों में नंबर प्लेट बेतरतीब पड़ी हैं। कई के नंबर प्लेट गायब भी हो चुकी हैं।
पुलिस भी नहीं कर पा रही सख्ती :
1 अप्रैल 2019 के पूर्व की सभी गाड़ियों में एचएसआरपी लगवाना अनिवार्य है, जो वाहन मालिक एचएसआरपी नहीं लगवाएंगे। उन वाहन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जानी है। छत्तीसगढ़ में 15 अप्रैल तक सभी पुराने वाहनों में एचएसआरपी लग जाने चाहिए थे। मई तथा जून के दस दिन बीत जाने के बाद भी 25 प्रतिशत पुराने वाहन में एचएसआरपी नहीं लग पाए हैं। इस स्थिति में ट्रैफिक के साथ परिवहन विभाग के अधिकारी एचएसआरपी नहीं लगवाने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह एचएसआरपी लगाने वाली एजेंसी द्वारा युद्धस्तर पर काम नहीं करना बताया जा रहा है।
एचएसआरपी लगवाने में सबसे पिछड़ा राज्य :
पड़ोसी राज्य झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना सहित कई राज्यों में अप्रैल 2019 के पूर्व ज्यादातार वाहनों में एचएसआरपी लगाए जा चुके हैं। ओडिशा में छह माह के भीतर एचएसआरपी लगाने का काम पूरा हो चुका है। छत्तीसगढ़ एचएसआरपी लगाने के मामले में अपने पड़ोसी राज्यों की तुलना में फिसड्डी साबित हुआ है।