भोपाल। कभी-कभी डॉक्टरों की लापरवाही मरीजों के लिए जानलेवा हो जाती है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को भी आया, जहां एक 15 साल की बच्ची का हाथ काटना पड़ा। दरअसल, प्रिया को उल्टी-दस्त के चलते एम्स में भर्ती किया गया था। प्रारंभिक इलाज में उल्टियां बंद हो गईं, लेकिन डॉक्टरों ने हाथ में गलत तरीके से कैनुला लगाने से इन्फेक्शन फैल गया। संक्रमण इतना बढ़ा कि शुक्रवार को बच्ची का हाथ काटना पड़ा। इस संबंध में प्रिया की मां ममता ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई थी।
एम्स प्रबंधन का दावा- पहले से ही था संक्रमण
मामले को लेकर प्रबंधन का कहना है कि बच्ची पहले से ही गंभीर स्थिति में आई थी। उसके हाथ में रक्त का थक्का जमा हुआ था और सरकुलेशन पूरी तरह रुक गया था। हमने उसे ठीक करने की कोशिश की लेकिन उसका संक्रमण और फैल गया ऐसे में बच्ची की जान बचाने के लिए हाथ काटना जरूरी था।
जांच में भी यही आया सामने कि पहले से ही था गैंगरीन
इधर, एम्स के पीडियाट्रिक विभाग की डॉ. भावना ढींगरा ने इस बच्ची का इलाज किया था। इस मामले की जांच के लिए पीडियाट्रिक विभाग की एचओडी और दंत चिकित्सा विभाग के डॉ. अंशुल राय को यह जांच सौंपी गई। जांच में सामने आया कि बच्ची को पहले से ही गैंगरीन नामक बीमारी थी।
रिकॉर्ड में यही
मामले की जांच की गई है। बच्ची जब एम्स अस्पताल आई थी तब भी उसे हाथ में इंफेक्शन था। पीड़ित के पुराने रिकॉर्ड में भी लिखा है कि उसके हाथ में पहले से ही इंफेक्शन था।
डॉ अजय सिंह, डायरेक्टर एम्स भोपाल