कोटा: छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिला के कोटा स्थित केन्दा क्षेत्र के जंगल की अवैध कटाई मामले में चार जुलाई को उच्च अधिकारियों की फटकार व चेतावनी दी थी. जिसके बाद वन विभाग ने आरोपी को धर दबोचा और वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि चार जुलाई को केन्दा के निकट स्थित जंगल में आरोपी द्वारा बेखौप होकर बेरहमी से जंगल की अवैध कटाई की गई थी।
हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की:
जिसमें राष्ट्रीयकृत प्रजाति व फलदर पौधों को काटा गया था। मामले में वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने अपने मातहतो को फटकार लगाते हुए आरोपी की गिरफ्तारी की बात कही थी। सूत्रों के अनुसार उच्च अधिकारियों के निर्देश का पालन करते हुए वन विभाग की टीम ने आरोपी को तहसील कार्यालय बेलगहना से हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की जिस पर आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया और उसकी निशान देही पर घटना में प्रयुक्त पावर कट सा ( बैटरी चलित आरी ) जप्त कर ली गई।
कर्मचारियों को दिए सख्त निर्देश:
इस संबंध में एसडीओ फॉरेस्ट निश्चल शुक्ला ने बताया कि आरोपी धरम सिंह मानिकपुरी निवासी केन्दा ने नेशनल हाईवे सड़क के किनारे के जंगल की कटाई की थी ताकि भविष्य में या तो उसे बेचकर पैसे कमा सके या फिर व्यापार कर पैसा कमा सके किंतु आरोपी की सोच पर वन विभाग ने पानी फेर दिया। शुक्ल ने बताया कि मातहत अधिकारी व कर्मचारियों को आरोपी की गिरफ्तारी के सख्त निर्देश दिए गए थे और उसी का परिणाम था कि आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी हो सकी। एसडीओ शुक्ल ने कहा कि, आरोपी के विरुद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 (1) क,ग,च, 52 (2), लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 (3), वन संरक्षण अधिनियम 1980 की धारा 2 (4 ), जैव विविधता अधिनियम 2020 की धारा 3, 55, 58 के तहत कार्रवाई करते हुए चौदह दिन की न्यायिक रिमांड पर केंद्रीय जेल बिलासपुर भेजा गया है।
पटवारी की भूमिका की भी जांच:
उन्होंने आगे कि, मामले की जांच आगे भी जारी रहेगी और विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्मता से जांच की जाएगी तथा किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।इस मामले में स्थानीय ग्रामीणों ने केन्दा के पटवारी की भूमिका की भी जांच की मांग की है। देखना यह है कि वन विभाग की कार्रवाई और किन-किन आरोपियों तक पहुंचने में सफल हो पाती है।वन विभाग कोटा के एस. डी. ओ. निश्चल शुक्ला ने कहा कि मामले की गंभीरता व सुक्षमता से जाँच की जा रही है जो विभिन्न पहलुओं को ध्यान मे रख कर की जाएगी, किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएंगे।