संजय चौहान, रायसेन : डिजिटल इंडिया और आधुनिकता के दौर में भी सामाजिक भेदभाव की कड़वी हकीकत सामने आ रही है। ताज़ा मामला मध्य प्रदेश के रायसेन जिले का है, जहां उदयपुरा विधानसभा जो कि स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का क्षेत्र में एक परिवार का जीना मुश्किल कर दिया है।
श्रद्धांजलि भोज पड़ा भारी
जानकारी के अनुसार करीब दो महीने पहले ग्राम पंचायत पिपलिया पुआरिया में भरत राज धाकड़ ने मानवता के नाते गांव के ही दलित युवक संतोष परोले के घर हुए श्रद्धांजलि भोज में शामिल होकर भोजन कर लिया। उनका यह कदम गांव के कुछ लोगों को नागवार गुजरा। कार्यक्रम का वीडियो लोगों तक पहुंचा तो समाज के कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने इसे परंपरा विरोधी बताया और भरत राज के खिलाफ सामाजिक कार्रवाई शुरू कर दी।
परिवार का हुक्का-पानी बंद
फिर क्या, पंचायत की बैठक बुलाई गई और भरत राज के पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। न सिर्फ उनका हुक्का-पानी बंद कर दिया गया, बल्कि कथित शुद्धिकरण के नाम पर गंगा जल से पूजा करने और पूरे गांव को भोजन कराने का आदेश थमा दिया गया। दिलचस्प बात यह है कि उसी दौरान क्षेत्रीय मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल स्वयं दलित परिवार के घर भोजन करके सामाजिक सद्भाव का संदेश देने पहुंचे थे। लेकिन समाज के तथाकथित ठेकेदारों पर इसका कोई असर नहीं हुआ और वे अपने फैसले पर अड़े रहे।
जनसुनवाई में पहुंचा पीडित
अपनी पीड़ा लेकर भरत राज मंगलवार को जिला कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा की जनसुनवाई में पहुंचे और कलेक्टर ने बताया कि मामला पुराना है और इससे जुड़े कुछ लोगों को पहले जेल भी भेजा जा चुका है। उन्होंने चेतावनी दी कि छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों के लिए प्रशासन सख्त कार्रवाई जारी रखेगा।
उठते सवाल...
प्रशासन की पहल के बावजूद बड़ा सवाल यह है कि, क्या लंबे समय के शासन और जागरूकता अभियानों के बाद भी समाज का एक वर्ग पुरानी रीति रिवाजों और सामंती सोच से बाहर नहीं निकल पाया है? जहां किसी व्यक्ति के हाथ का भोजन आज भी अछूत माना जाता है।