India-France Rafale Marine Deal: भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी में हुए हमले के बाद लगातार तनाव बढ़ गई है। वहीं इस बीच भारत फ्रांस के साथ 26 राफेल मरीन विमानों की डील पर आज हस्ताक्षर करने जा रही है। बतादें कि इन दोनों देशों के रक्षा मंत्री आज दिल्ली में 63 हजार करोड़ के सौदे पर साइन करने वाले हैं। डील के तहत फ्रांस से भारत 4 डबल सीटर विमान और 22 सिंगल सीटर विमान खरीदेगा। बता दें कि भारत की फ्रांस के साथ हथियारों की खरीद के मामले में अब तक की सबसे बड़ी डील होने वाली है।
PM की अध्यक्षता में हुई थी बैठक :
मिली जानकारी के मुताबिक 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक कैबिनेट समिति की बैठक की गई थी। इस बैठक में लगभग 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों की बिक्री के लिए एक 'मेगा डील' को मंजूरी मिली थी। जिसके अनुबंध में चार ट्विन-सीटर जेट और 22 सिंगल-सीटर शामिल हैं। इसके अलावा कर्मियों के प्रशिक्षण बेड़े के रखरखाव, स्वदेशी घटक निर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज और रसद सहायता भी इसमें शामिल हैं।
विमानों की खरीदी को मिली थी मंजूरी :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई थी। इस बैठक में ही विमानों की खरीद को मंजूरी दी गई थी। जिसके बाद 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के सौदे पर अब इन दोनों देश के रक्षा मंत्री हस्ताक्षर करेंगे।
यहां तैनात होंगे राफेल मरीन जेट्स :
भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन खरीदे जा रहे हैं। जिसमें र 4 डबल ट्रेनर सीट जेट्स और 22 सिंगल सीट राफेल मरीन जेट्स शामिल हैं, ये सभी राफेल INS विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे, और ये सभी जेट्स चीन की चुनौती का सामना करने के लिए भारतीय महासागर क्षेत्र में तैनात होंगे। वहीं विशाखापत्तनम में स्थित INS इनका होम बेस देगा। नौसेना को पहला बैच 2029 के अंत तक मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा पूरा बेड़ा 2031 तक शामिल होने की उम्मीद है।
राफेल मरीन की विशेषता :
राफेल मरीन जेट्स का इंजन ज्यादा शक्तिशाली है, और ये भारतीय वायुसेना के राफेल जेट्स से भी अधिक उन्नत हैं। इसका वजन 10,600 किलोग्राम और लंबाई 15.27 मीटर है। ये राफे 1,912 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता हैं, साथ ही 50 हजार फीट की ऊंचाई तक भरने में सक्षम हैं। जिससे INS विक्रांत से स्की जंप करने में काफी सहायता मिलेगी। बतादें राफेल मरीन के विंग्स पूरी तरह से मुड़ सकते हैं। वहीं इसके मुकाबले राफेल विमान के विंग्स नहीं मुड़ सकते हैं। इतना ही नहीं ये विमान अपनी उड़ान वाली जगह से लगभग 3700 किलोमीटर दूर तक भी हमला करने की क्षमता रखता है।