बिलासपुर रेल मंडल में गुरुवार को यात्रियों में अचानक हड़कंप मच गया जब एक ही ट्रैक पर तीन ट्रेनें चलती नजर आईं। इस दृश्य का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों के बीच चिंता फैल गई। हालांकि, बाद में रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह किसी तकनीकी खराबी का परिणाम नहीं, बल्कि ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम की सामान्य प्रक्रिया है।
रेलवे ने दी तकनीकी जानकारी
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली के तहत हर एक किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगाए जाते हैं। जब एक ट्रेन किसी सेक्शन को पार करती है, तो पीछे आने वाली ट्रेन को अगले सिग्नल तक बढ़ने की अनुमति मिल जाती है। इसी वजह से दूर से ऐसा प्रतीत होता है कि तीन ट्रेनें एक ही ट्रैक पर चल रही हैं, जबकि वे सिग्नलिंग के हिसाब से सुरक्षित दूरी पर होती हैं।
मालगाड़ी और यात्री ट्रेनें एक ही ट्रैक पर
रेलवे ने बताया कि मालगाड़ी और यात्री ट्रेनें एक ही ट्रैक पर नियंत्रित सिग्नल व्यवस्था के तहत संचालित की जाती हैं। वर्ष 2023 से इस रेलखंड में लागू ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है।
अफवाहों से बचें: रेलवे की अपील
रेल प्रशासन ने नागरिकों और यात्रियों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों या भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें। यह प्रणाली आधुनिक तकनीक पर आधारित है जो ट्रेनों की सुरक्षा और समयबद्ध संचालन सुनिश्चित करती है।